आसाराम के भीलवाड़ा स्थित आश्रम पर चला बुलडोजर
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आसाराम के भीलवाड़ा स्थित आश्रम पर चला बुलडोजर

एक नाबालिग लड़की से यौन उत्‍पीड़न के आरोप में गिरफ्तार आध्‍यात्मिक गुरु आसाराम बापू की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब राजस्‍थान के भीलवाड़ा में आसाराम के आश्रम को गुरुवार को गिरा दिया गया। यह कार्रवाई स्‍थानीय प्रशासन की ओर से की गई।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
जोधपुर/नई दिल्‍ली : एक नाबालिग लड़की से यौन उत्‍पीड़न के आरोप में गिरफ्तार आध्‍यात्मिक गुरु आसाराम बापू की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब राजस्‍थान के भीलवाड़ा में आसाराम के आश्रम को गुरुवार को गिरा दिया गया। यह कार्रवाई स्‍थानीय प्रशासन की ओर से की गई। भीलवाड़ा के हरणी खुर्द स्थित आश्रम पर बुलडोजर चला और इसे गिराया गया। गौर हो कि यौन शोषण केस में गिरफ्तार होने के बाद आसाराम अभी जोधपुर स्थित जेल में बंद हैं।
गौर हो कि राजस्‍थान के भीलवाड़ा में आसाराम का आश्रम सरकारी जमीन पर बना हुआ है। बुधवार को तहसीलदार कोर्ट ने इसे अतिक्रमण मानते हुए हटाने के आदेश दिए थे। बताया जाता है कि यहां चार बीघा जमीन आश्रम के लिए आवंटित थी, लेकिन आश्रम इसकी दोगनने से भी ज्यादा जमीन पर बना हुआ था। सरकारी जमीन पर बने आश्रम के हिस्से को आज ढहा दिया गया।
उधर, एक रिपोर्ट के अनुसार, नासिक के गंगापुर रोड पर स्थित आश्रम में किए गए अवैध निर्माण तोड़ने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की आसाराम समर्थकों के साथ झड़प हुई। आश्रम के अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन आज इस निर्माण को गिराने पहुंचा तो आसाराम के समर्थक इसके विरोध में खड़े हो गए। इसके बाद भी जब प्रशासन अपने रुख पर अड़ा रहा तो समर्थक उग्र हो गए। आसाराम समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

प्रखंड अधिकारी राम चंद शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने आसाराम आश्रम को तीन बीघा भूमि आवंटित की थी, लेकिन आश्रम संचालकों ने एक बीघा सौलह बिस्वा भूमि पर कब्जा कर लिया। उन्होंने बताया कि तहसीलदार ने कल इस बारे में जांच के आदेश दिए थे। जांच में एक बीघा सोलह बिस्वा भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत सही पाए जाने पर अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए गए। शर्मा ने बताया कि मुक्त करवाई गई एक बीघा सौलह बिस्वा भूमि को स्मृति वन में शामिल कर लिया गया है।
भीलवाड़ा में पीठासीन अधिकारी ने ट्रस्ट को भू-राजस्व अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए भू राजस्व की 50 गुना राशि का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने यह फैसला हरणी खुर्द पटवारी की ओर से ट्रस्ट के खिलाफ दायर केस पर सुनाया। आश्रम संचालक सहित अन्य साधकों ने वकील के साथ तहसीलदार कोर्ट में उपस्थित होकर नोटिस का जवाब पेश किया। इसमें कहा गया कि ट्रस्ट का मुख्यालय अहमदाबाद में है। जमीन के कागजात वहां से मंगवाने होंगे। साथ ही कोर्ट की फाइल की नकलें भी लेनी है। इसलिए एक माह का समय दिया जाए, पर कोर्ट ने समय नहीं दिया।
आसाराम आश्रम में चार बीघा से अधिक जमीन पर अतिक्रमण है। इनमें से दो बीघा 19 बिस्वा जमीन बिलानाम और बाकी यूआईटी की है। ट्रस्ट की तीन बीघा सात बिस्वा भूमि भी कृषि है। इसका भू उपयोग परिवर्तन भी नहीं करवाया गया।

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