मरीन मामला: कानूनी विकल्पों पर विचार करेंगे चांडी
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मरीन मामला: कानूनी विकल्पों पर विचार करेंगे चांडी

केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने पिछले साल फरवरी में राज्य के तट के पास दो मछुआरों पर कातिलाना हमले के आरोपी दो इतालवी मरीनों को भारत वापस नहीं भेजने के इटली के फैसले को मंगलवार को अस्वीकार्य बताते हुये कहा कि पीड़ित मछुआरों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिये केरल कानूनी विकल्पों पर गौर करेगा।

तिरूवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने पिछले साल फरवरी में राज्य के तट के पास दो मछुआरों पर कातिलाना हमले के आरोपी दो इतालवी मरीनों को भारत वापस नहीं भेजने के इटली के फैसले को मंगलवार को अस्वीकार्य बताते हुये कहा कि पीड़ित मछुआरों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिये केरल कानूनी विकल्पों पर गौर करेगा।
चांडी ने मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद कहा, ‘इटली का फैसला पूरी तरह से अस्वीकार्य है। राज्य का हमेशा से यह रुख रहा है कि इन मरीनों ने भारत की सीमा के अंदर अपराध किया और उनके खिलाफ भारतीय कानूनों के मुताबिक भारत में मुकदमा चलना चाहिये।’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मामले के हर चरण में इस रुख पर कायम रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने क्रिसमस के दौरान मरीनों को इटली जाने देने की इजाजत का भी विरोध किया था। राज्य ने सुझाव दिया था कि उनका परिवार केरल आकर उनसे मिल सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल ने इटली के राजदूत को गारंटर बनाकर रखी गयी जामनत की शर्तों का भी विरोध किया और कहा कि मरीनों के वापस नहीं लौटने की सूरत में राजदूत राजनयिक छूट के कारण कानूनी कार्रवाई से बच जायेंगे।
एक सवाल के जवाब में चांडी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मामले में आये इस बदलाव के लिये केंद्र जिम्मदार है क्योंकि केंद्र सरकार ने इस मामले में हमेशा राज्य का समर्थन किया।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि इटली के फैसले पर राज्य का रोष जताने के लिये वह पहले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को को पत्र फैक्स कर चुके हैं। चांडी आज दिल्ली रवाना होंगे। उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर राज्य के वकील से बात करेंगे ताकि मुकदमा पूरा करने के लिये इन मरीनों को भारत वापस लाने के विकल्पों पर विचार किया जा सके।
उधर एनरिका लेक्सी जहाज से की गयी गोलीबारी में मारे गए दो मछुआरों में से एक जेलास्टीन की पत्नी डोरा ने कोल्लम में कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए ‘साजिश’ रची गयी, जिसे ‘उजागर’ किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि इटली सरकार ने कल रात कहा कि मरीन मस्सीमिलियानो लातोरे और साल्वातोर गिरोन इटली से वापस नहीं लौटेंगे। ये दोनों उच्चतम न्यायालय की विशेष अनुमति के बाद पिछले महीने चुनावों में मतदान करने इटली गए थे।
इन दोनों ने पिछले साल 15 फरवरी को इतालवी जहाज ‘एनरिका लेक्सी’ से गोली चला कर भारत के दो मछुआरों की हत्या कर दी थी। इटली के विदेश मंत्रालय ने भारतीय अधिकारियों पर मरीनों को हिरासत में रख कर अंतरराष्ट्रीय अधिकारों के हनन का आरोप लगाया और कहा कि वह मामले में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ को शामिल करने के लिये ‘तैयार’ है। (एजेंसी)

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