जन को मिल पाएगा 'धन'
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जन को मिल पाएगा 'धन'

एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन धन योजना की राज्यों में भी जोर शोर से शुरुआत हुई। पीएम नरेंद्र मोदी के दिल्ली में इस योजना का शुभारंभ करते ही पहले ही दिन देश भर में 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए। इस महत्वाकांक्षी योजना का आगाज तो बढ़ चढ़कर हो गया लेकिन देखना यह होगा कि सही मायनों में जन को धन मिल पाएगा। हालांकि यह तो समय ही बताएगा कि इस योजना का कितना लाभ जन यानी लोगों तक पहुंचा। वहीं, इस बात की उम्‍मीद की जा सकती है कि इससे गरीबी उन्मूलन तथा जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह होगी कि राज्य स्तरीय योजनाओं के पारदर्शीपूर्ण तरीके तथा प्रभावी कार्यान्वयन के लिए इस योजना से जोड़े जाने के बाद कितना कारगर साबित होता है। यदि जनहित की सभी योजनाओं को इस योजना से जोड़ दिया जाए तो अब तक जो नुकसान लोगों को होता आया है, उसकी रोकथाम संभव हो सकेगी। अभी तक किसी योजना के मद की राशि की विभिन्‍न स्‍तरों पर बंदरबांट हो जाया करती है। जमीनी स्‍तर पर जिसे लाभ मिलना चाहिए वे इससे वंचित रह जाते हैं। अब राशि सीधे बैंक खाते में जमा होंगे तो बिचौलियों की भूमिका जरूर समाप्‍त हो जानी चाहिए जोकि अब तक 'जन' का पैसा डकार जाते थे। ऐसे में यह एक नई पहल है और सही दिशा में उठाया गया कदम साबित हो सकता है।

इस योजना के माध्यम से यदि हर परिवार में दो बैंक खाते उपलब्ध हो जाएंगे तो इसके कई लाभ सामने आएंगे। सही तरीके से इसके लागू होने की स्थिति में आम लोगों को कई तरह के लाभ और सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। अब तक जो गरीब, समाज के वंचित बैंक खाते से दूर थे, उनके नाम अब खाता हो जाएगा। योजनागत राशि को गोलमोल करने की संभावना लगभग खत्‍म हो जाएगी। आर्थिक रूप से पिछड़े जिन परिवारों के पास बैंक खाता नहीं है उनके बैंक खाते खुल जाएंगे। एक बड़ा फायदा यह होगा कि इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर व्यक्ति को एक लाख रूपए की दुर्घटना बीमा मिलेगी। खाता खुलवाने के साथ ही ग्राहक को डेबिट कार्ड की भी सुविधा दी जाएगी। इस योजना के तहत आधार कार्ड से खुले खातों में 6 महीने बाद ग्राहक आवदेन देने पर जमा राशि से 5000 रुपये की अधिक राशि निकाल सकेगा। योजना के दूसरे चरण में पेंशन योजना 'स्वालंबन' की भी सुविधा दी जाएगी। वहीं, इस योजना को लागू करने से 50 हजार लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। खाता खुलने के बाद लोगों तक सब्सिडी का समुचित लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इससे आम आदमी को आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी और वह बचत भी कर सकेगा।

गौर करें तो सरकार हजारों करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाओं को पहले से चलाती आ रही है। पहले इसका लाभ आम जन को कितना मिल पाता था, यह किसी से छिपा नहीं है। मगर अब इससे लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डाला जा सकेगा। बीच के स्‍तर पर जो पैसा इधर-उधर होता था, उस पर विराम लग पाना अब जरूर संभव हो पाएगा। वैसे भी इस योजना का उद्देश्‍य वित्तीय सेवाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना है। यदि यह पूर्णरूपेण सही तरीके से क्रियान्वित हो गया तो ग्रामीण विकास पर सकारात्‍मक प्रभाव दिखेगा।

वित्तीय समावेशन की इस महत्वाकांक्षी योजना से विशेषकर महिलाओं में आर्थिक सुरक्षा का भाव बढ़ेगा और उनका स्वाभिमान जागृत होगा। यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम साबित होगी। साथ ही, गरीब तबके के नागरिकों में बचत की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इसके अलावा, गरीब तबके के लोगों में बचत की प्रवृत्ति को बल मिलेगा और उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। सही मायने में देखें तो ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी सख्‍त दरकार है। गांवों की आर्थिक उन्‍नति ही देश को विकास के पथ पर अग्रसर कर पाएगा।

आगामी समय में देखना यह होगा कि देश का अब तक का यह सबसे समावेशी कार्यक्रम साबित हो पाता है कि नहीं। गरीबों के हित में सही काम को लागू कर एकसमान विकास सुनिश्चित हो पाता है कि नहीं।

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