हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन के फैसले का PMO ने किया बचाव
Advertisement
trendingNow167394

हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन के फैसले का PMO ने किया बचाव

प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए हिंडाल्को को कोयला ब्लाक के विवादास्पद आवंटन मुद्दे में किसी तरह की अपराधिता को शनिवार को यह कहते हुए खारिज किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे मंजूरी मामले की पात्रता के आधार पर दी थी जो उनके समक्ष रखी गई थी।

fallback

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए हिंडाल्को को कोयला ब्लाक के विवादास्पद आवंटन मुद्दे में किसी तरह की अपराधिता को शनिवार को यह कहते हुए खारिज किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे मंजूरी मामले की पात्रता के आधार पर दी थी जो उनके समक्ष रखी गई थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह स्पष्ट किया कि सिंह ‘सक्षम प्राधिकार’ थे, जिन्होंने वर्ष 2005 में कोयला मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने साथ ही यह भी रेखांकित किया कि हिंडाल्को सहित संयुक्त उद्यम को आवंटन सार्वजनिक उपक्रम नेवेली लिग्नाइट कापरेरेशन की कीमत पर नहीं किया गया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा जारी किया जिसके बाद सिंह ने एक अक्तूबर 2005 को इस आवंटन को मंजूरी दी थी और कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री इस बात से संतुष्ट हैं कि इस संबंध में किया गया अंतिम निर्णय पूरी तरह से उचित और मामले की पात्रता के आधार पर किया गया था जो उनके समक्ष रखा गया था।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने निर्णय का बचाव करते हुए सिंह द्वारा इससे पहले दिये गए बयानों का हवाला दिया कि सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है और वह सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करेगी जो इस मामले की जांच कर रही है।
ओड़िशा में तालाबिरा कोयला ब्लॉक का आवंटन हंगामे के केंद्र बिंदु में है जिसमें सीबीआई ने आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पारेख ने कहा है कि यदि वह षड्यंत्र के आरोपी थे तो प्रधानमंत्री को भी एक आरोपी बनाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने इस संबंध में संशोधित निर्णय को मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्वीकार किया कि आवंटन को लेकर अंतिम निर्णय पड़ताल समिति की सिफारिश से ‘अलग’ था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसा एक पक्ष की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय में अपना पक्ष रखे जाने के बाद किया गया जिसे कोयला मंत्रालय को संदर्भित कर दिया गया था।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच करने के लिए मुक्त है क्योंकि हो सकता है कि उसे आवंटन के बाद के कुछ दस्तावेज हाथ लगे हों।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा, ‘‘यह स्वीकार किया जाता है कि यह आवंटन (तालाबिरा कोयला ब्लाक) जारी जांच पर निर्भर है। इस जांच को लेकर सीबीआई पर किसी तरह की रोकटोक नहीं है और वह इस मामले में जरूरी कोई भी ताजा सूचना मांग सकती है।’’
इस मुद्दे पर ‘‘अत्यधित मीडिया कवरेज’’ के मद्देनजर जारी किये गए इस बयान में कहा गया है, ‘‘इस मामले में और अन्य मामलों में जांच कानून के तहत सामान्य आधार पर चलनी चाहिए।’’ (एजेंसी)

Trending news