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नई दिल्ली : तीन पेट्रोलियम कंपनियों ने आधार कार्ड मामले में उच्चतम न्यायालय का रख किया है। पेट्रोलियम कंपनियों ने उच्चतम न्यायालय से आधार कार्ड मामले में उसके पहले के आदेश में सुधार करने का आग्रह किया है। उच्चतम न्यायालय ने पहले जारी अपने आदेश में कहा है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से किसी भी व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित नहीं रखा जा सकता।
पेट्रोलियम पदार्थों का विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल सोमवार को मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ के समक्ष अविलंब सुनवाई के लिए अपना अनुरोध रखेंगी। पीठ इससे पहले पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की इसी तरह की याचिका की सुनवाई की तारीख 8 अक्टूबर तय कर चुकी है।
सरकारी कंपनियों की वकील खुशबू जैन ने कहा कि अतिरिक्त सालिसीटर जनरल नागेश्वर राव पीठ के सामने अपना पक्ष रखेंगी। कंपनियों के अनुसार आधार कार्ड के बारे में न्यायालय के आदेश से उन लोगों के मन में गंभीर संदेह पैदा हो गया जिन्होंने एलपीजी सिलिंडर के लिए प्रत्यक्ष नकदी अंतरण (डीबीटीएल) पाने के लिए आधार कार्ड नंबर दर्ज कराया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने कहा कि डीबीटीएल लागू किया जा चुका है और यह 54 जिलों में सफलता से काम कर रहा है। सब्सिडी की पुरानी प्रणाली बंद कर दी गई है। कंपनियों अन्य 235 जिलों में योजना लागू करने की प्रक्रिया में है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मंत्रालय की याचिका पर आठ अक्तूबर को सुनवाई की सहमति दी। मंत्रालय ने डीबीटीएल योजना को जारी रखने के आदेश में परिवर्तन या स्पष्टीकरण की मांग की थी। फिलहाल डीबीटीएल योजना के तहत सिर्फ उसी व्यक्ति का फायदा मिल सकता है जिसके पास आधार कार्ड हो। (एजेंसी)