आम बजट 2014-15 : इनकम टैक्स में मिली राहत, छूट की सीमा हुई 2.5 लाख PPF में भी निवेश सीमा में 50 हजार की वृद्धि
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आम बजट 2014-15 : इनकम टैक्स में मिली राहत, छूट की सीमा हुई 2.5 लाख PPF में भी निवेश सीमा में 50 हजार की वृद्धि

मोदी सरकार के पहले आम बजट (2014-15) में आयकर दाताओं को राहत मिली है। सरकार ने आम बजट में आयकर दाताओं को टैक्स में छूट का ऐलान किया है।

आम बजट 2014-15 :  इनकम टैक्स में मिली राहत, छूट की सीमा हुई 2.5 लाख PPF में भी निवेश सीमा में 50 हजार की वृद्धि

ज़ी मीडिया ब्यूरो/संजीव कुमार दुबे

नई दिल्ली : मोदी सरकार के पहले बजट में छोटे करदाताओं के लिये ‘अच्छे दिन’ की झलक दिखाई दी। मध्यमवर्ग को राहत देते हुए बजट में ढाई लाख रुपये तक की सालना आय को करमुक्त कर दिया गया है। बजट में बचत को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न योजनाओं में डेढ लाख रुपये तक के निवेश को धारा 80सी के तहत कर छूट और आवास ऋण के 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर छूट देने की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज पहले बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव किये बिना ढाई लाख रुपये की सालाना आय को करमुक्त कर दिया। पहले दो लाख रुपये की आय करमुक्त थी। 60 से 80 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये और 80 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगेगा।

हालांकि, वित्त मंत्री ने पिछले वर्ष के बजट में देशी-विदेशी कंपनियों पर बढ़े हुये कर अधिभार और एक करोड़ रुपये सालाना कमाई करने वालों पर लगाये गये 10 प्रतिशत अधिभार को ज्यों का त्यों रखा है। उन्होंने कहा, मैं कंपनियों अथवा व्यक्तियों, फर्मों के मामले में अधिभार की दरों में कोई बदलाव नहीं करने का प्रस्ताव करता हूं। जेटली ने घरेलू और विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहन का संकेत देते हुये कहा कि वह करों में पिछली तिथि से कोई बदलाव नहीं लायेंगे जिससे नई देनदारियां पैदा हों।

बजट में अप्रत्यक्ष करों में किये गये बदलाव से सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला, गुटखा, कोल्ड ड्रिंक महंगे होंगे। पुरानी कैथोड-रे प्रौद्योगिकी वाले टीवी, 19 इंच से छोटे एलसीडी और एलईडी टेलीविजन पैनल पर मूल सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया दिया गया है। इससे इनके सस्ते होने की उम्मीद।

वित्त मंत्री ने घरेलू इस्पात उद्योग को सस्ते आयात से सहारा देते हुये आयातित फ्लैट रॉल्ड उत्पादों पर मूल सीमा शुल्क 5 से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। सौर उर्जा, पवन उर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये इनके उपकरणों पर सीमा शुल्क कम किया गया है। कोयला क्षेत्र में भी कर दरों को तर्कसंगत बनाया गया है। इसके बाद सभी तरह के कोयले पर समान दर पर सीमा शुल्क लगेगा।

आधे तराशे, टूटे, पॉलिश किये हीरों तथा रंगीन कीमती पत्थरों पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाते हुये ढाई प्रतिशत कर दिया गया। रेडीमेडगामेंट्स के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये उससे जुड़े आयात में कुछ राहत दी गई है। बॉक्साइट के निर्यात पर निर्यात शुल्क बढ़ा दिया गया।

विदेश से आने वाले यात्रियों के लिये ‘बैगेज नियम’ के तहत निशुल्क सामान की सीमा 35,000 रुपये से बढ़ाकर 45,000 रुपये कर दी गई है। उत्पाद शुल्क में भी कई क्षेत्रों में रियायतें दी गई हैं। फुटवियर उद्योग को राहत पहुंचाते हुये 500 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक के फुटवियर पर उत्पाद शुल्क 12 से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया। 500 रुपये तक फुटवियर शुल्क मुक्त बना रहेगा।

सौर उर्जा उपकरणों, मशीनरी और कलपुर्जों में भी उत्पाद शुल्क से छूट दी गई है। खेलकूद के कुछ सामानों में भी रियायती दर पर उत्पाद शुल्क लगाया गया है। इसके विपरीत सिगरेट पर विशिष्ट उत्पाद शुल्क 11 से लेकर 72 प्रतिशत के दायरे में बढ़ा दिया गया। पान मसाले पर इसे 12 से बढ़ाकर 16 प्रतिशत, कच्चे तंबाकू (अनमैन्युफैक्चर्ड) पर 50 से बढ़ाकर 55 प्रतिशत, गुटखा तथा चबाने वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क 60 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया।

वित्त मंत्री ने सेवाकर के क्षेत्र में भी कुछ बदलाव किये हैं। सेवाकर की नकारात्मक सूची को और छोटा किया गया है। प्रसारण मीडिया में समय और विज्ञापन की बिक्री के साथ ही अब ऑनलाइन और मोबाइल विज्ञापन को भी सेवाकर के दायरे में लाया गया है। हालांकि, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन पर सेवाकर से मुक्त रखा गया है। किराये पर टैक्सी सेवा के साथ ही अब रेडियो टैक्सी की सेवाओं को भी सेवाकर के दायरे में ले लिया गया है।

जेटली ने कहा कि उनके प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से जहां 22,200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा वहीं अप्रत्यक्ष करों के मामले में किये गये बदलाव से सरकारी खजाने में 7,525 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्राप्ति होगी।

वित्त मंत्री ने कुल 17,94,892 करोड़ रुपये खर्च वाले बजट में योजना व्यय 5,75,000 करोड़ रुपये और गैर-योजना व्यय 12,19,892 करोड़ रुपये रखा गया है। राजकोषीय घाटे को अंतरिम बजट के ही समान 4.1 प्रतिशत पर रखा गया है। अंतरिम बजट के मुकाबले कर प्राप्तियां और पूंजीगत प्राप्तियों के आंकड़े कुछ बढ़ गये हैं।

जेटली ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती ने उनके लिये 4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा है। दो साल की कमजोर वृद्धि और स्थिर औद्योगिक वृद्धि तथा अप्रत्यक्ष करों में मामूली वृद्धि तथा व्यापक सब्सिडी बोझ को देखते हुये इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल है लेकिन वह इस लक्ष्य को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं।

कृषि क्षेत्र में कृषि प्रौद्योगिकी विकास पर जोर देते हुये वित्त मंत्री ने दो नये कृषि अनुसंधान संस्थान स्थापित किये जाने की घोषणा की। असम और झारखंड में स्थापित किये जाने वाले इन संस्थानों के लिये चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसके अलावा कृषि प्रौद्योगिकी ढांचागत कोष के लिये भी 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये।

कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने की प्रतिबद्धता जताते हुये जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान नाबार्ड के जरिये संयुक्त तौर पर खेती करने वाले पांच लाख भूमिहीन किसान समूहों को कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंकों से कृषि क्षेत्र को दिया जाना वाला ऋण 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा। इसके साथ ही समय पर बैंक कर्ज लौटाने वाले किसानों को अल्पकालिक फसली कर्ज पर तीन प्रतिशत की ब्याज रियायत भी जारी रहेगी।

खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम का पुनर्गठन किया जायेगा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को चुस्त दुरस्त कर वितरण और परिवहन लागत कम की जायेगी। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग को सस्ती दर पर गेहूं और चावल उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिये अनाज की कमी नहीं होने दी जायेगी।

उद्योगों की बेहतरी के लिये अनेक कदमों की घोषणा करते हुये जेटली ने कहा कि सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों को फिर से खड़ा करने के लिये प्रतिबद्ध है। रोजगार के अवसर बढ़ाने और निर्यात संवर्धन के लिये यह जरूरी है।

वाराणसी में परंपरागत हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये टैक्सटाइल मेगा क्लस्टर के साथ साथ देश के छह अन्य स्थानों बरेली, लखनउ, सूरत, कच्छ, भागलपुर, मैसूर और एक तमिलनाडु में टैक्सटाइल मेगा कलस्टर बनाने की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। रक्षा क्षेत्र के लिये उन्होंने 2,29,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। एक रैंक-एक पेंशन योजना के तहत चालू वित्त वर्ष की आवश्यकता पूरी करने के लिये 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिये रक्षा क्षेत्र का आवंटन अंतरिम बजट के मुकाबले 5,000 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है। इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे प्रणाली विकसित करने के लिये 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन भी शामिल है।

आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिये राज्य पुलिस बल की आधुनिकीकरण प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया गया। इस कार्य के लिये आवंटित राशि को 1,847 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने माओवाद प्रभावित जिलों में अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता भी जताई।

वित्त मंत्री ने कर प्रशासन को चुस्त दुरस्त करने और व्यावसायियों को प्रताड़ित होने से बचाने के लिये वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जल्द लागू करने की सरकार की इच्छा जाहिर की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी जरूरत को ध्यान में रखते हुये उसमें सीधे जनता की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया।

बिजली क्षेत्र की चिंताओं को ध्यान में रखते हुये बजट में 31 मार्च 2017 तक विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिशन अथवा वितरण कार्य करने वाली परियेाजनाओं को 10 साल का कर अवकाश देने का प्रस्ताव किया गया है।

राजकोषीय मजबूती और बेहतर बजट प्रबंधन पर जोर देते हुये वित्त मंत्री ने एक व्यय प्रबंधन आयोग बनाने की घोषणा भी की है। आयोग सब्सिडी कार्यक्रम के समूचे ढांचे को दुरस्त करेगा साथ ही कमजोर और वंचित तबके के हितों का भी ध्यान रखेगा। इसके अलावा सामाजिक क्षेत्र के प्रोत्साहन को भी कई योजनाओं की घोषणा की गई है।

आम बजट 2014-15 के मुख्य अंश:-

- इनकम टैक्‍स में छूट की सीमा बढ़ी
-2.5 लाख की आमदनी पर कोई कर नहीं
-60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए टैक्स की सीमा बढ़ी
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ी,2.5 लाख से बढ़कर हुई तीन लाख
-होम लोन ब्‍याज पर टैक्‍स छूट की सीमा बढ़कर हुई 2 लाख, ब्‍याज पर टैक्‍स छूट की सीमा पहले 1.5 लाख थी
-80सी में टैक्स छूट की सीमा एक लाख से बढ़कर हुई डेढ़ लाख
-विनिर्माण कंपनियों को निवेश में कर में छूट
-अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव से 7525 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय
-दवाइयां और स्टील का सामान सस्ता होगा
-सेवा कर का दायरा बढ़ाया गया, रेडियो टैक्सी की सेवाएं, इंटरनेट पर विज्ञापन भी सेवा कर के दायरे में
-कोल्ड ड्रिंग और डिब्बा बंद फूट्र जूस महंगे होंगे, मोबाइल फोन सस्ते होंगे
-सिगरेट, सिगार और पान मसाला महंगा होगा
-रेडीमेट कपड़े और आयातित सौंदर्य प्रसाधन महंगे
-एलईडी टीवी, एलसीडी टीवी, रत्न और जूते सस्ते होंगे

-बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन कंपनियों को 10 साल का कर अवकाश
-पूर्वोत्तर राज्यों में अरुण प्रभा नाम से नया भाषाई चैनल।
-उत्तराखंड में बनाया जाएगा हिमालयी अध्ययन केंद्र
-सरहदी इलाकों में रेल लाइनों के लिए 1000 करोड़ रुपये।
-विस्थापित कश्मीरियों के लिए 500 करोड़ रुपये।
-देश के अलग अलग हिस्सों में राष्ट्रीय खेल अकादमियां बनाई जाएंगी, जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपये। एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के प्रशिक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये। मणिपुर में खेल विश्वविद्यालय।
-हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, कानपुर, दिल्ली और इलाहाबाद में घाटों और नदी सौंदर्यीकरण के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये
-नदियों को जोड़ने की योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
-दिल्ली स्थित प्रिंसेस पार्क में युद्ध स्मारक बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये।
-समुद्री पुलिस स्टेशन खोले जाएंगे
-रक्षा क्षेत्र के लिए पूंजीगत बजट में 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान
-हर परिवार के कम से कम एक सदस्य का बैंक खाता खुलवाने का प्रस्ताव
-वन रैंक, वन पेंशन के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
-पीपीएफ खाते में साल भर में डेढ़ लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं
-चिटफंड कंपनियों पर कानूनी शिकंजा कड़ा किया जाएगा
-ऋण की वसूली ना होना चिंता का विषय, छह नये रिकवरी अधिकरण बनाये जाएंगे
-कृषि भंडारण के लिए 5000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
-अत्याधुनिक सौर उर्जा परियोजनाओं के लिए 400 करोड़ रुपये, अत्याधुनिक ताप विद्युत प्रौद्योगिकी की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
-राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों के लिए 37850 करोड़ रपये, जिसमें 3000 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए
-इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा के जलमार्ग में नौवहन के लिए 4200 करोड़ रुपये
-किसानों को मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए 100 करोड़ रुपये से योजना की शुरूआत
-2014-15 में 8 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण देने का लक्ष्य और किसान टेलीविजन के लिए 100 करोड़ रुपये
-बजट में बीमा क्षेत्र के लिए एफआईपीबी रूट से 49 प्रतिशत एफडीआई का प्रस्ताव
-महंगाई रोकने के लिए 500 करोड़ रुपये का बाजार स्थिरीकरण कोष
-समय पर कृषि ऋण लौटाने वालों को 3 प्रतिशत की ब्याज छूट इस साल भी जारी रहेगी
-निजी और किसान कृषि मंडियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रोत्साहन देगी केंद्र सरकार
-किसानों के लिए कर्ज आसान बनाए जाएंगे
-मलिन बस्तियों में सुधार अब कंपनियों की सामाजिक कल्याण योजना में शामिल होगा
-लखनऊ और अहमदाबाद में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये
-जम्मू,छत्तीसगढ़,गोवा, आंध्र और केरल में खुलेंगे पांच नए आईआईटी
-देश में पांच नये आईआईटी ओैर पांच नए आईआईएम संस्थान खोलने का प्रस्ताव
-खाद और पेट्रोलियम सब्सिडी की समीक्षा होगी
-आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के विदर्भ और पूर्वांचल में चार नये एम्स संस्थानों को खोलने पर विचार
-पानी में आर्सेनिक की उपस्थिति वाले प्रभावित क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के लिए 3600 करोड़ रुपये
-ग्रामीण क्षेत्रों में आवासों के लिहाज से राष्ट्रीय आवास बैंक कार्यक्रम के लिए 8000 करोड़ रुपये
-ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों के लिए 100 करोड़ रुपये
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए करीब 14500 करोड़ रुपये
-बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत
-बड़े नगरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय 150 करोड़ रुपये देगा
-दृष्टिबाधितों के लिए कम से कम 15 ब्रेल लिपि प्रेस स्थापित करने में राज्य सरकारों को सहायता दी जाएगी
-संस्थान बदलने पर भी कर्मचारियों का ईपीएफ खाता नंबर समान ही रहेगा
-ईपीएफ योजना के तहत श्रमिकों के लिए न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन
-बीमा क्षेत्र में एफडीआई 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किये जाने का प्रस्ताव
-सरदार पटेल की प्रतिमा के लिए 200 करोड़ रुपये
-दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत बिजली उपलब्ध कराने के लिए 500 करोड़ रुपये के साथ शुरूआत होगी
-100 करोड़ रुपये के साथ आदिवासियों के लिए वनबंधु कल्याण योजना।
-1,000 करोड़ रुपये से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरूआत
-2019 तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी घरों में शौचालय सुविधा
-मोदी के पहले बजट में 7060 करोड़ रुपये नये शहरों के लिए
-ईन-वीजा की शुरूआत नौ हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से होगी
-बैंकों में सरकार द्वारा अपनी मेजोरिटी बनाये रखने के साथ जनता को शेयर बेचे जाएंगे और उनकी स्वायत्तता बढ़ाई जाएगी
-किफायती आवास निर्माण को प्रोत्साहन
-रक्षा क्षेत्र में मंजूरी की शर्त के साथ 49 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रस्ताव
-निवेशकों के अनुकूल कर प्रणाली लांएगे
-घरेलू कंपनियों को भी एडवांस टैक्स रूलिंग की सुविधा देने का प्रस्ताव
-करों का पिछले प्रभाव से संशोधन नहीं किया जाएगा, कर प्रणाली भरोसेमंद होगी
-दलितों-आदिवासियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करेंगे
-2014-15 में वित्तीय घाटा कम करके 3 प्रतिशत पर लाएंगे
-कालाधन देश की अर्थव्यवस्था के लिए अभिशाप है, इसे खत्म करने के लिए हमें कड़े कदम उठाने होंगे।
-लोक व्यय प्रबंध आयोग का गठन किया जाएगा।
-दो साल वृद्धि दर 5 प्रतिशत से कम रहने के कारण हमारी चुनौतियां बढ़ी हैं
-चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कठिन
-गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित रहेगा
-बजट के मेरे अनुमान लंबे समय तक 7-8 प्रतिशत वृद्धि की यात्रा की शुरूआत के हैं
-कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं लगातार मंदी से प्रभावित हैं
-7 से 8 फीसदी विकास दर हासिल करना है।
-दुनिया भर के मंदी का असर भारत पर भी पड़ा
-सरकार के सामने महंगाई बड़ी चुनौती
-3 से चार साल में विकास जरूर दिखेगा
-विकास दर को 2 अंकों में लाने का लक्ष्य
-भारत विकास करना चाहता है: अरुण जेटली
-भारत की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है- जेटली
-गरीब ऊपर उठना चाहते हैं- जेटली
-गरीब मिडल क्लास का हिस्सा बनना चाहते हैं - जेटली
-देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाना है- जेटली

 

 

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