सरबजीत की रिहाई को परिजनों ने दिया जंतर मंतर पर धरना
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सरबजीत की रिहाई को परिजनों ने दिया जंतर मंतर पर धरना

सरबजीत की रिहाई पर पाकिस्तान के पलटने से स्तब्ध उनके परिजनों ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया और विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा से मुलाकात की।

नई दिल्ली : सरबजीत की रिहाई पर पाकिस्तान के पलटने से स्तब्ध उनके परिजनों ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया और विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा से मुलाकात की।
सरबजीत की रिहाई के लिए बीते कुछ साल से अभियान चला रही उनकी बहन दलबीर कौर ने अन्य पारिवारिक सदस्यों व समर्थकों के साथ जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया। दलबीर ने कहा, 'पाकिस्तान ने हमारे साथ क्रूर मजाक किया है और हम एक बार फिर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से सरबजीत की रिहाई की गुजारिश कर रहे हैं।'
दलबीर ने अपने भाई की रिहाई को लेकर साउथ ब्लॉक में कृष्णा से मुलाकात की। पाकिस्तान मंगलवार रात सरबजीत की रिहाई की अपनी बात से पलट गया था। पूर्व में घोषणा की गई थी कि जरदारी ने सरबजीत की मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया है और उसे रिहा किया जाएगा।
बाद में राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा था कि सरबजीत के स्थान पर एक अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा किया जाएगा। सुरजीत जासूसी के आरोपों में तीन दशक से भी लम्बे समय से पाकिस्तानी जेल में कैद थे।
सरबजीत के परिवार का कहना है कि वह अगस्त 1990 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वह चण्डीगढ़ से 280 किलोमीटर दूर भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित भिखिविंद गांव के रहने वाले हैं।
बाद में पाकिस्तान में सरबजीत की मंजीत सिंह के रूप में पहचान हुई और उन्हें दो बम विस्फोटों के मामलों में आरोपी बनाया गया। विस्फोटों में 14 लोगों की जान गई थी। पाकिस्तानी अदालतों ने उन्हें मृत्युदंड सुनाया लेकिन यहां उनके परिवार का दावा है कि वह निर्दोष हैं।

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