कोल ब्लॉक्स पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट
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कोल ब्लॉक्स पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) ने आज (सोमवार को) सुप्रीम कोर्ट में सील बंद लिफाफे में स्‍टेटस रिपोर्ट दाखिल ही। सीबीआई को 60 कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कोई भी अपराध नहीं मिला है और उम्मीद है कि वह उन्हें सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद जांच के अपने दायरे से बाहर कर देगी।

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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्‍ली : कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) ने आज (सोमवार को) सुप्रीम कोर्ट में सील बंद लिफाफे में स्‍टेटस रिपोर्ट दाखिल ही। सीबीआई को 60 कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कोई भी अपराध नहीं मिला है और उम्मीद है कि वह उन्हें सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद जांच के अपने दायरे से बाहर कर देगी।
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने रिकॉर्डों का विस्तृत विश्लेषण किया और यह निष्कर्ष निकाला है कि इन कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कोई भी अपराध नहीं हुआ है। यद्यपि इस बारे में अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही किया जाएगा कि उन्हें उसकी जांच के दायरे से बाहर करना है या नहीं।
सूत्रों ने कहा कि 195 कोयला ब्लाकों का आवंटन की जांच की जा रही है जिसमें से सीबीआई ने 16 मामलों को प्रथम दृष्टया ऐसी सामग्री मिली है जो धोखाधड़ी, आपराधिक दुराचरण और भ्रष्टाचार की ओर इंगित करती है जिसके बाद एजेंसी ने प्राथमिकियां दर्ज की। इसके बावजूद 60 कोयला ब्लाकों के आवंटन के विश्लेषण के दौरान रिकॉर्ड सही पाए गए और तय नियमों और प्रक्रियाओं से कोई भी विचलन नहीं मिला। सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान एजेंसी ने राज्य सरकारों की रिपोर्टों, दिलचस्पी रखने वाले मंत्रालयों, छानबीन समिति के ब्योरे और लाभ उठाने वाली कंपनियों की ओर से जमा किये गए फॉर्म और दस्तावेजों का विश्लेषण किया।
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इन कंपनियों के कुछ अधिकारियों को भी बुलाया और वे सीबीआई जांच दल द्वारा उठाये गए सभी सवालों को समझाने में सफल रहे। सीबीआई ने एएमआर आयरन एंड स्टील, जेएलडी यवतमाल एनर्जी, विनी आयरन एंड स्टील उद्योग, जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड, विकास मेटल्स, ग्रेस इंडस्ट्रीज, गगन स्पांज, जिंदल स्टील एंड पावर, राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड, झारखंड इस्पात, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, कमल स्पांज, पुष्प स्टील, हिंडाल्को, बीएलए इंस्डस्ट्रीज, कैस्ट्रान टेक्नोलाजीस और कैस्ट्रान माइनिंग के खिलाफ 16 प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
सभी प्राथमिकियां 2006 और 2009 के बीच तथा 1993 से 2004 के बीच हुए कोयला ब्लाकों के आवंटनों तथा सरकारी वितरण योजना के तहत दी गई परियोजनाएं की तीन प्रारंभिक जांचों पर आधारित हैं। दो अन्य प्रारंभिक जांच भी हैं जो कि फाइल गुम होने से संबंधित हैं। सूत्रों ने बताया कि संभावना है कि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में कहेगी कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से संबंधित सभी फाइलें उसे मिल गई हैं और इस मुद्दे में जांच बंद की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई भी सबूत सामने नहीं आया है जिससे यह बात सामने आती हो कि कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने फाइलों को जांच एजेंसी के हाथों में पड़ने से रोकने के लिए कोई आपराधिक या जानबूझकर कोई कृत्य किया।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने करीब छह प्राथमिकियों में जांच पूरी कर ली है और एक अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत के समक्ष जल्द ही दायर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भी आरोपपत्र या क्लोजर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही दायर की जाएगी। कोयला घोटाला मामले की धीमी जांच को लेकर सीबीआई को अदालत की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था जिसने कहा था कि एजेंसी अभी भी ‘पहले ही गियर’ में है और उसे गति बढ़ाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि आपको (सीबीआई) कुछ गति लानी होगी। आप अभी भी पहले गियर में चल रहे हैं। आपका काम बहुत बड़ा है और इन सभी के तार्किक परिणति पर पहुंचने की जरूरत है।

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