जापान द्वारा 35 अरब डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विनिर्माण उद्योगों के लिए शानदार जगह बताते आज यहां जापानी निवेश को न्योता दिया और कहा कि देश में निवेशकों के सामने ‘लालफीताशाही’ की अड़चन का दौर खत्म हो चुका है और राह में ‘लाल कालीन’ के साथ उनका स्वागत है।
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टोक्यो : जापान द्वारा 35 अरब डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विनिर्माण उद्योगों के लिए शानदार जगह बताते आज यहां जापानी निवेश को न्योता दिया और कहा कि देश में निवेशकों के सामने ‘लालफीताशाही’ की अड़चन का दौर खत्म हो चुका है और राह में ‘लाल कालीन’ के साथ उनका स्वागत है।
उन्होंने कहा कि भारत में कायदे कानूनों के सरलीकरण व उदारीकरण के जरिए कारोबार करना आसान बनाया गया है। निकेई और जापान की व्यापार संवर्धन संस्था जेट्रो द्वारा यहां आयोजित व्यावसायिक गोष्ठी में निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत में विनिर्माण कारोबार बढाने के लिए अपनी ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में बनायें) अवधारणा की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के पहले 100 दिन के कार्यकाल में देश में कारोबार करने वालों के लिए रास्ते आसान करने के लिए किए गए विभिन्न निर्णयों का भी जिक्र किया।
मोदी ने कहा कि भारत की तरह कोई भी अन्य देश ऐसा अवसर प्रदान नहीं करता क्योंकि भारत में लोकतंत्र है, आबादी युवा है और मांग है। कल भी उन्होंने एक अन्य समारोह में निवेशकों को संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी निवेशकों को यह न्योता ऐसे समय में दिया है जबकि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कल अगले पांच साल में भारत की बुनियादी ढांचा तथा अन्य परियोजनाओं में पांच साल में 2.10 लाख करोड़ रुपए के निवेश व वित्तपोषण का वादा किया था। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा है कि वे भारत में निवेश कर ‘भाग्य आजमाएं’ क्योंकि कम लागत वाले विनिर्माण के जरिए मुनाफे के लिहाज से यह ‘चमत्कारिक’ हो सकता है।
उन्होंने कहा, विनिर्माताओं को क्या चाहिए? .वे विनिर्माण की लागत में कमी चाहते हैं। वे उच्च लागत वाला विनिर्माण नहीं चाहते। सस्ता श्रम, कुशल श्रमशक्ति, आसान कारोबार प्रक्रिया और उदार माहौल। फिर यह भारत में व्यावहारिक हो जाता है। उन्होंने कहा, भारत में अरबों खरबों डालर के निवेश की जरूरत है। इलेक्ट्रानिक बाजार विशेष तौर पर मोबाइल हैंडसेट क्षेत्र संभावनाओं वाला बड़ा बाजार है। सरकार ने 125 करोड़ लोगों के लिए डिजिटल इंडिया नाम से एक योजना बनायी है जो मिशन मोड में चलाई जाएगी।
भारत में बड़ी संभावना क्यों है? इसके बारे में मोदी ने कहा कि करीब 50 शहरों में मेट्रो निर्माण की योजना और अक्षय उर्जा क्षेत्र बड़ी संभावना पेश करता है। प्रधानमंत्री ने जापानी उद्योगपतियों को आकर्षित करते हुए कहा, भारत आपको आमंत्रित करने के लिए तैयार है। भारत में विनिर्माण करें। आप जो भी सुविधा चाहते हैं वह वहां है। मोदी ने विशेष तौर पर लघु एवं मध्यम उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उपलब्ध मौके का यह कहते हुए जिक्र किया भारत की विशेषज्ञता साफ्टवेयर में है और जापान की विशेषज्ञता हार्डवेयर क्षेत्र में जिसे एक दूसरे से जोड़ने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आर्थिक मामले में नया इतिहास रचने का आह्वान करते हुए कहा, बगैर जापान के भारत अधूरा है और बिना भारत जापान आधा-अधूरा।