संसद की कैंटीन के खाने से सांसद संतुष्‍ट नहीं, 3 रुपये में चाहते हैं 75 रुपये वाली दाल
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संसद की कैंटीन के खाने से सांसद संतुष्‍ट नहीं, 3 रुपये में चाहते हैं 75 रुपये वाली दाल

देश में खाद्य महंगाई से जहां देश की जनता मुश्किलों का सामना कर रही है, वहीं संसद की कैंटीन में मिल रहे खाने से सांसद संतुष्ट नजर नहीं रहे हैं। वो भी तब, जब उन्‍हें ये खाना महज कुछ रुपयों के एवज मुहैया करवाया जाता है।

संसद की कैंटीन के खाने से सांसद संतुष्‍ट नहीं, 3 रुपये में चाहते हैं 75 रुपये वाली दाल

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : देश में खाद्य महंगाई से जहां देश की जनता मुश्किलों का सामना कर रही है, वहीं संसद की कैंटीन में मिल रहे खाने से सांसद संतुष्ट नजर नहीं रहे हैं। वो भी तब, जब उन्‍हें ये खाना महज कुछ रुपयों के एवज मुहैया करवाया जाता है।

गौर हो कि हाल में संसद की कैंटीन में खराब खाने को लेकर जया बच्चन ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। कुछ और सांसदों ने पहले कैंटीन के खाने की गुणवत्‍ता पर सवाल उठाए थे। इन वाकयों के बाद अब संसद की कैंटीन में फूड सप्लाई के लिए जिम्मेदार नॉर्दर्न रेलवे कैटरिंग का काम आउटसोर्स करने पर विचार किया जा रहा है। कैंटीन में खाने की सप्लाई के लिए आईटीसी, एमटीआर और हल्दीराम जैसी कंपनियों को बुलाया गया।

खाने की कीमत, मेन्यू और अन्य मुद्दों पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल से मुलाकात की। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निजी कंपनियों के रेट सुनते ही संसद के अधिकारियों के होश उड़ गए। वर्तमान में संसद की कैंटीन में सांसदों को दाल 3 रुपये में मिलती है, जबकि हल्दीराम ने दाल के लिए 50 रुपये, एमटीआर ने 60 और आईटीसी ने 75 रुपये रेट बताया। वहीं मटर पनीर के लिए हल्दीराम ने 60 रुपये, एमटीआर ने 75 रुपये और आईटीसी ने 80 रूपए मांगे हैं।

करीब 300 कर्मचारियों वाली संसद की कैंटीन ‘न नफा न नुकसान’ के आधार पर उत्तर रेलवे चलाता है। जिसके लिए उसे भारी सब्सिडी मिलती है। सांसदों की शिकायत को देखते हुए, उत्तर रेलवे ने सोचा कि क्यों न खाना बाहर से मंगाया जाए। इसके लिए खान-पान के क्षेत्र में सक्रिय मशहूर कंपनियों आइटीसी, एमटीआर और हल्दीराम वगैरह को बुलाया गया। बीते दिनों इस सिलसिले में एक बैठक हुई। संसद के अधिकारियों को जब निजी कंपनियों के भाव के बारे में पता चला, तो वे दंग रह गए।

कंपनियों का कहना है कि वे इस से कम कीमत पर खाने की सामग्रियों की सप्लाई नहीं कर सकते। लिहाजा यह बैठक बेनतीजा रही। एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे अधिकारी ने बताया कि संसद के अधिकारी सांसदों के लिए रेट बढ़ाने की स्थिति में नहीं हैं। लोकसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि पिछली बार वर्ष 2010 में कैंटीन के रेट बढ़े थे, तब भी कुछ सांसदों ने विरोध किया था। आइये एक नजर संसद की कैंटीन के मेन्यू और इसके रेट पर डालें।

ब्रेड के साथ टमाटर सूप- 8 रुपये
फ्राइड फिश ऑफ चिप्स - 25 रुपये
चिकन सैंडविच - 6 रुपये
फ्रेश फ्रूट जूस - 14 रुपये
फ्रूट सलाद - 14 रुपये
हलवा - 12 रुपये
टोमाटो राइस - 7.00
मछली (फ्राई) - 17.00
चिकन करी - 20.50
चिकन मशाला - 24.50
बटर चिकन - 37.00
रोटी -1.00
चावल (एक प्लेट)- 2.00
डोसा- 4.00
खीर (1 कटोरी) - 5.50
फ्रुट केक- 9.50
आदि आदि।

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