जब हम माउस चलाते हैं तब पूरी दुनिया चलती है: नरेंद्र मोदी
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जब हम माउस चलाते हैं तब पूरी दुनिया चलती है: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा को बहुत सफल बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जापान ने पांच साल में 35 अरब डॉलर की अब तक की सबसे बड़ी राशि की मदद देने का जो वादा किया है उससे भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा और साफ-सफाई बढ़ेगी।

जब हम माउस चलाते हैं तब पूरी दुनिया चलती है: नरेंद्र मोदी

ज़ी मीडिया ब्यूरो

टोक्यो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा को बहुत सफल बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जापान ने पांच साल में 35 अरब डॉलर की अब तक की सबसे बड़ी राशि की मदद देने का जो वादा किया है उससे भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा और साफ-सफाई बढ़ेगी।

अपनी पांच दिन की यात्रा संपन्न होने से एक दिन पहले आधिकारिक कार्यक्रम को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के प्रति भरोसा दिखाने के लिए जापान का आभार जताया और यह कहकर जापान के साथ मजबूत दोस्ती का इजहार किया, ‘ये फेविकोल से भी ज्यादा मजबूत जोड़ है।’ भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में दिए गए भोज में मोदी ने कहा, यह यात्रा काफी सफल रही।

मोदी ने कहा कि भारतीयों की दुनियाभर में सराहना होती है। हालांकि, कुछ लोगों के बीच भारत की छवि अभी तक सपेरों की भूमि जैसी है। उन्होंने बताया कि किस तरह कुछ साल पहले उन्होंने एक जिज्ञासू विदेशी से कहा था, पहले हम सांप से खेलते थे, अब हम माउस से खेलते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, जब हम माउस चलाते हैं तब पूरी दुनिया चलती है। उनकी इस बात पर उपस्थित प्रवासी भारतीय जमकर हंसे। यहां उनका आशय आईटी क्षेत्र में भारतीयों की व्यापक विशेषज्ञता से था। उन्होंने कहा कि दुनिया इस बात को जानती है कि 21वीं सदी एशिया की होगी। कुछ लोग कहते हैं कि यह चीन की होगी, तो कुछ अन्य की राय है कि यह भारत की होगी।

उन्होंने कहा, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह सदी एशिया की होगी, लेकिन यह सदी किस तरह की होगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि भारत व जापान किस तरह के मूल्यों का प्रचार करते हैं, दोनों देश क्या दिशा व रुख अपनाते हैं। इससे पहले उन्होंने भारतीय दूतावास में विवेकानंद केंद्र का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि अब तक लाखों-करोड़ों या अरबों की बात होती थी। लेकिन कभी भी खरबों की बात नहीं हुई। यहां उनका संकेत जापान द्वारा अगले पांच साल में भारत को सार्वजनिक व निजी वित्तपोषण के जरिये 3,500 अरब येन (35 अरब डॉलर या 2,10,000 करोड़ रुपए) उपलब्ध कराने के वादे की ओर था। यह राशि जापान कई कार्यों मसलन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और गंगा नदी की सफाई के लिए उपलब्ध कराएगा।

दिनभर कई कार्यक्रमों व बैठकों के बाद अपने आखिरी आधिकारिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, यह एक बड़ी उपलब्धि है। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि जापान ने हम पर भरोसा दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसे या विश्वास का उल्लेख करते हुए कहा कि जापान ने कल हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लि. (एचएएल) सहित छह भारतीय कंपनियों से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद जापान ने इन पर प्रतिबंध लगाया था।

वाराणसी को साफ सुथरा और विकसित शहर बनाने के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत व जापान के स्मार्ट शहर क्योटो के अनुभव से सीखने के संदर्भ में मोदी ने कहा कि हम एक दूसरे के अनुभव से सीख सकते हैं। मोदी ने कहा, मैं गुजरात में पैदा हुआ, लेकिन इस समय मैं उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर की सेवा में हूं। क्योटो काफी स्मार्ट शहर है और वहां वाराणसी की तरह काफी संख्या में मंदिर हैं। लेकिन उन्होंने प्राचीन धरोहर को बचाते हुए शहर को आधुनिक बनाया है। उन्होंने कहा कि क्योटो में 17 स्थान यूनिस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हैं जो छोटी बात नहीं है।

साफ सफाई एजेंडा के बारे में मोदी ने कहा कि यह उनके दिल से जुड़ा मुद्दा है। यह महात्मा गांधी के लिए सम्मान होगा, जो साफ सफाई को काफी पसंद करते थे। महात्मा ने हमें काफी कुछ दिया, लेकिन हमने महात्माजी को क्या दिया? उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह देशवासियों को 2019 तक भारत को साफ सुथरा बनाने को कह रहे हैं। यह महात्मा गांधी की 150वीं वषर्गांठ का वर्ष होगा।

मोदी ने इस अवसर पर जापान में भारतीयों को सुझाव दिया कि वे भारत में अपने दोस्तों रिश्तेदारों को लिखें कि वे साफ सफाई अभियान में योगदान करें। उन्होंने भारत में पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रत्येक एनआरआई (जापान में रहने वाले सहित) से कम से कम पांच परिवारों को हर साल भारत जाने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पर्यटन तो बढ़ेगा ही, साथ ही चायवालों सहित अन्य भारतीयों की आय बढ़ेगी। (एेजंसी इनपुट के साथ)

 

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