मध्यप्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में छह और मामले दर्ज
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मध्यप्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में छह और मामले दर्ज

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के निजी पैरामेडिकल कॉलेजों में आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को सरकारी छात्रवृत्ति के वितरण में करोड़ों रपये के कथित घोटाले में आदिम जाति कल्याण विभाग की तत्कालीन जिला संयोजक समेत करीब 10 लोगों के खिलाफ छह नये आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं।

इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के निजी पैरामेडिकल कॉलेजों में आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को सरकारी छात्रवृत्ति के वितरण में करोड़ों रपये के कथित घोटाले में आदिम जाति कल्याण विभाग की तत्कालीन जिला संयोजक समेत करीब 10 लोगों के खिलाफ छह नये आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं।

पुलिस अधीक्षक (लोकायुक्त) वीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘हमें छात्रवृत्ति घोटाले के बारे में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मिली थी। इस रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिक जांच के बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड विधान की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 468 (छल की नीयत से फर्जी दस्तावेज बनाना) एवं अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत छह अलग-अलग प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।’

सिंह ने बताया कि इन मामलों के आरोपियों में आदिम जाति कल्याण विभाग की तत्कालीन जिला संयोजक रंजना सिंह, विभाग के दो अन्य अधिकारी के.के. यादव एवं मनोहर सिंह चौहान और छह निजी पैरामेडिकल कॉलेजों के कर्ताधर्ता शामिल हैं। सिंह ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को इन मामलों की जांच में पता चला कि पैरामेडिकल कॉलेजों के कर्ता-धर्ताओं ने सरकारी अफसरों से सांठ-गांठ करके अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग के फर्जी विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति का करोड़ों रपये का अवैध भुगतान हासिल कर लिया।

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