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अहमदबाद: यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे आसाराम ने बुधवार को सिविल अस्पताल में मर्दानगी जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एमएम प्रभाकर ने बताया, ‘उन्हें जांच के लिए लाया गया लेकिन उन्होंने इसमें सहयोग नहीं किया इसलिए उन्हें पुलिस वापस ले गई। गांधीनगर में मजिस्ट्रेट अदालत ने कल आसाराम को चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
आसाराम को जोधपुर की एक अदालत से सोमवार की शाम ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया गया था। उत्तर प्रदेश की एक लड़की द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के सिलसिले में अगस्त से वह जोधपुर की जेल में थे। सूरत पुलिस ने भी दो शिकायतें दर्ज की थी। इनमें एक उनके खिलाफ जबकि दूसरी उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ है। ये शिकायतें बलात्कार, यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से बंधक बना कर रखने और अन्य आरोपों से जुड़ी हुई हैं, जो दो बहनों ने लगाए थे।
सूरत निवासी दोनों बहनों में बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 से 2006 के बीच अपना बार बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उस वक्त वह अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में स्थित उनके आश्रम में रह रही थी। आसाराम के खिलाफ मामला चंद्रखेड़ा पुलिस थाने में भेज दिया गया क्योंकि घटनाएं उसी थाना क्षेत्र में हुई थीं। वहीं, छोटी बहन ने आसाराम के बेटे साईं पर 2002 से 2005 के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है जिस वक्त वह आसाराम के सूरत आश्रम में रह रही थी। (एजेंसी)