दंगा पीड़ितों की अनदेखी और आलोचनओें के बावजूद फिल्‍मी सितारों की चकाचौंध से सराबोर रहा सैफई
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दंगा पीड़ितों की अनदेखी और आलोचनओें के बावजूद फिल्‍मी सितारों की चकाचौंध से सराबोर रहा सैफई

कड़ाके की ठंड में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सैफई महोत्सव मनाए जाने को लेकर तीखी आलोचनाओं के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का पैतृक गांव सैफई बुधवार को शाम बॉलीवुड के फिल्मी सितारों की चकाचौंध से सराबोर रहा।

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ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
इटावा : कड़ाके की ठंड में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सैफई महोत्सव मनाए जाने को लेकर तीखी आलोचनाओं के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का पैतृक गांव सैफई बुधवार को शाम बॉलीवुड के फिल्मी सितारों की चकाचौंध से सराबोर रहा। हालांकि, कुछ संगठनों ने मुजफ्फरनगर दंगों के पृष्ठभूमि में इस प्रकार के कार्यक्रम का विरोध किया। गौर हो कि मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में दंगा पीडि़त अब भी ठंड का प्रकोप झेलने को विवश हैं।
मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर तीखी आलोचनाओं के बावजूद अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव सैफई महोत्सव की चकाचौंध में डूबे नजर आए। 14 दिनों तक चला ये महोत्सव बुधवार को बॉलीवुड नाइट के साथ खत्म हो गया। समापन समारोह में बॉलीवुड के दबंग अभिनेता सलमान खान के साथ माधुरी दीक्षित, रनवीर सिंह, सोहा अली खान समेत कई सितारों ने अपना जलवा बिखेरा। एक तरफ जहां मुजफ्फरनगर में लोग कड़ाके की ठंड में मौत से जूझ रहे हैं वहीं, मुश्किल से पांच घंटे की दूरी पर सैफई में सरकार ने जनता के करोड़ों रुपए महोत्सव के नाम पर बहा दिए।
बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, दीपिका पादुकोन, आलिया भट्ट, सारा खान, सोहा अली खान, मल्लिका शेरावत, संगीतकार बंधु साजिद-वाजिद और गायक जावेद अली चार्टर्ड विमान से सैफई पहुंचे और सैफई महोत्‍सव का हिस्‍सा बने। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव, नगर विकास मंत्री शिवपाल सिंह यादव तथा कई अन्य मंत्री देर रात तक चल कार्यक्रमों में शरीक हुए।
फाइव स्टार पंडाल में हुए इस रंगारंग कार्यक्रम का मजा लूटने वालों में सरकार और जनता के नुमाइंदे शामिल थे। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पारिवारिक और राजनैतिक कुनबे के साथ महोत्सव के रंग में रंगे नजर आए। सैफई महोत्सव इस बार सरकार के लिए मुसीबत बढ़ा सकता है। मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों की अनदेखी सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

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