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मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने आज बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसने हाल में हड़ताल के दौरान मरीजों का इलाज ना करने के लिए सरकारी अस्पतालों के 600 चिकित्सा अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं।
वकील गुणरतन सदावर्ते द्वारा दायर एक जनहित याचिका में कहा गया कि हड़ताल के दौरान डॉक्टरों की गैरमौजूदगी से कम से कम 80 मरीजों की मृत्यु हो गयी थी । न्यायमूर्ति नरेश पाटिल की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने आज राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह किसी स्वतंत्र एजेंसी से यह पता लगाने को कहे कि क्या डॉक्टरों की गैरमौजूदगी की वजह से ये मौतें हुईं।
अदालत ने साथ ही सरकार से कहा कि वह डॉक्टरों के हड़तालों से निपटने के लिए एक स्थायी तंत्र का विकास करे।