हमजा का होगा कसाब से सामना, मुंबई पुलिस ने मांगी रिमांड
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हमजा का होगा कसाब से सामना, मुंबई पुलिस ने मांगी रिमांड

मुंबई आतंकवादी हमले के कथित सरगना लश्कर-ए-तोएबा आतंकवादी अबू जिंदाल उर्फ हमजा की हिरासत का अनुरोध करने के बाद मुंबई पुलिस अब उसका सामना आतंकवादी हमले के एकमात्र जीवित बचे हमलावर अजमल आमिर कसाब से कराने की तैयारी कर रही है।

ज़ी न्यूज ब्यरो/एजेंसी
मुंबई/नई दिल्ली: मुंबई आतंकवादी हमले के कथित सरगना लश्कर-ए-तोएबा आतंकवादी अबू जिंदाल उर्फ हमजा की हिरासत का अनुरोध करने के बाद मुंबई पुलिस अब उसका सामना आतंकवादी हमले के एकमात्र जीवित बचे हमलावर अजमल आमिर कसाब से कराने की तैयारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार, मुंबई पुलिस कसाब और हमजा को आमने-सामने कर एक साथ पूछताछ करना चाहती है। मुंबई पुलिस ने हमजा की रिमांड मांगी है। अभी हमजा दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है और दिल्लीं पुलिस को कोर्ट में बुधवार को जवाब देना है।
अब तक हुए खुलासे में यह सामने आया है कि हमजा 26/11 से बड़े हमले की साजिश रच रहा था। उसने हमले के लिए कई भारतीय नौजवानों को ट्रेनिंग भी दी है। हमजा के सिखाए आठ आतंकी विदर्भ इलाके के हैं। वहीं, आतंक के गुरु हमजा के खुलासों से पाकिस्तान अब मुश्किल में पड़ गया है। पूछताछ में उसने आईएसआई के साथ अपने संबंध को कबूल लिया है। पाकिस्‍तान में हमजा के रहने के लिए आईएसआई ने ही इंतजाम किया था।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें आशा है कि हम जिंदाल की हिरासत जल्द प्राप्त कर लेंगे ताकि उससे पूछताछ कह जा सके। हम उसका सामना कसाब से भी कराना चाहेंगे। अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि जिंदाल की पूछताछ से यह पता चल पाएगा कि इस दुस्साहसी हमले से पहले, उस दौरान और उसके बाद पाकिस्तान में क्या हुआ जहां इसकी साजिश रची गई।
उन्होंने कहा कि मुंबई हमले में उसकी भूमिका के लिए अबू जिंदाल के खिलाफ एक अलग से मामला चलाया जाएगा।
अबू जंदल की हिरासत प्राप्त करने के लिए मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा आज दिल्ली के मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत गई। अपराध शाखा ने यह हिरासत अबू जंदल के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न अपराधों एवं हथियार कानून के तहत मांगी जिसकी वह जांच कर रही है।
मुंबई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमलों के मामले में एकमात्र जीवित हमलावर अजमल कसाब ने लश्कर-ए-तोएबा के गिरफ्तार आतंकवादी अबू जंदल की पहचान न केवल हमलावरों को निर्देश देने वाले के तौर पर बल्कि उन्हें काम सौंपने वाले साजिशकर्ता के तौर पर भी की है। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तोएबा आतंकवादी अबू जिंदाल को किसी भी कीमत पर भारत को नहीं सौंपने के लिए सउदी अरब पर खासा दबाव बनाया था क्योंकि वह लश्कर के बारे में सब कुछ जानता था और आशंका यह भी थी कि वह मुंबई के 2008 के आतंकी हमले में पाकिस्तान के तथाकथित सरकारी अमले की भूमिका का पर्दाफाश कर सकता है ।
गौर हो कि सैयद जबीउददीन उर्फ अबू जिंदाल को 21 जून को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे से गिरफ्तार किया गया था। उसे सउदी अरब से यहां लाया गया था। वह मुंबई आतंकी हमले की योजना, आतंकवादियों के चयन, उनके प्रशिक्षण, अन्य इंतजामात और शुरूआत से इस हमले की तैयारियों से जुडे लोगों के बारे में काफी कुछ जानता है।
सूत्रों ने कहा कि 30 वर्षीय जिंदाल को पता था कि साजिश का हिस्सा रहे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लोग कौन थे और उनकी भूमिका क्या थी और सरकारी अमले के लोगों ने ने लश्कर को आतंकी हमला करने में किस तरह मदद की। सूत्रों के मुताबिक जंदल भंडाफोड कर सकता था इसलिए पाकिस्तान की एजेंसियों ने सउदी अरब पर यह दबाव बनाने में एडी चोटी एक कर दी कि उसे भारत को न सौंपा जाए।

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