वार्ता का उद्देश्य शरिया कानून लागू करना: पाक तालिबान
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वार्ता का उद्देश्य शरिया कानून लागू करना: पाक तालिबान

तालिबान ने कहा है कि वह पाकिस्तान में इस्लामी शरिया कानून लागू करने के लिए लड़ रहा है और सरकार के साथ बातचीत का उद्देश्य इस कानून का कार्यान्वयन है। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रवक्ता शाहिदुल्ला शाहिद ने कहा कि यदि देश में ‘शरिया’ होता तो तालिबान ने सरकार के खिलाफ जंग नहीं छेड़ी होती ।

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इस्लामाबाद : तालिबान ने कहा है कि वह पाकिस्तान में इस्लामी शरिया कानून लागू करने के लिए लड़ रहा है और सरकार के साथ बातचीत का उद्देश्य इस कानून का कार्यान्वयन है। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रवक्ता शाहिदुल्ला शाहिद ने कहा कि यदि देश में ‘शरिया’ होता तो तालिबान ने सरकार के खिलाफ जंग नहीं छेड़ी होती ।
बीबीसी उर्दू ने शाहिद के हवाले से कहा, ‘‘हम शरिया कानून लागू कराने के लिए युद्ध लड़ रहे हैं..और सरकार के साथ हमारी बातचीत का यही उद्देश्य होगा।’’ सरकार के वार्ताकारों की ओर से शर्तें रखे जाने के बारे में उन्होंने कहा कि उनसे चर्चा की जा रही है।
सरकार की चार सदस्यीय टीम और तालिबान की तीन सदस्यीय टीम के बीच बातचीत का पहला दौर गुरूवार को शुरू हुआ। यह दोनों पक्षों द्वारा भविष्य की वार्ता का खाका तैयार करने के साथ संपन्न हुआ। सरकार की टीम ने प्रस्ताव रखा कि शांति वार्ता पाकिस्तान के संविधान के दायरे में होनी चाहिए। हालांकि, तालिबान के वार्ताकार एवं लाल मस्जिद के मौलवी मौलाना अब्दुल अजीज ने कल कहा कि बातचीत इस्लामी कानून के दायरे में होगी। (एजेंसी)

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