काठमांडो : पूर्व राष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी एवं गुंडों द्वारा चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिये जाने के कारण अपना बायां पांव गंवा चुकी अरूणिमा सिन्हा ने आज इतिहास कायम कर लिया। वह अंग गंवा कर एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय बन गयी हैं।
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 25 वर्षीय अरूणिमा आज पूर्वाह्न 10 बजकर 55 मिनट पर एवरेस्ट पहुंची। वह टाटा समूह के इको एवरेस्ट अभियान के सदस्य के रूप में शिखर पर चढ़ी थीं।
अरूणिमा उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की निवासी हैं। वह 12 अप्रैल 2011 में जब लखनउ से दिल्ली जा रही थी उस दौरान ट्रेन में चेन खींचे जाने का विरोध करने पर कुछ अपराधी तत्वों ने उन्हें पद्मावती एक्सप्रेस से नीचे फेंक दिया था।
वह एक चलती हुई ट्रेन से टकरायी और बुरी तरह घायल हो गयी। उपचार के दौरान डाक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए उसका बायां पांव काट दिया गया था अरूणिमा ने पिछले साल उत्तरकाशी में टाटा स्टील एडवेंचर फांउडेशन शिविर में भाग लिया था। शिविर में उसे माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेन्द्री पाल ने प्रशिक्षित किया था। (एजेंसी)
अरूणिमा सिन्हा
पैर गंवा चुकी भारतीय महिला ने फतह किया एवरेस्ट
पूर्व राष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी एवं गुंडों द्वारा चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिये जाने के कारण अपना बायां पांव गंवा चुकी अरूणिमा सिन्हा ने आज इतिहास कायम कर लिया। वह अंग गंवा कर एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय बन गयी हैं।
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