एक अबूझ पहेली है आतंकवादी यासीन भटकल
Advertisement

एक अबूझ पहेली है आतंकवादी यासीन भटकल

इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक और देश में कई बड़े धमाकों में शामिल यासीन भटकल को भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया है। भटकल भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए हमेशा से एक अबूझ पहेली रहा है।

प्रवीण कुमार
एक ऐसा आंतकवादी जो कभी ई-मेल नहीं करता हो, इंडियन मुजाहिदीन का ऐसा मास्टरमाइंड जो मोबाइल फोन को कुछ सेकंड तक इस्तेमाल कर सिमकार्ड नष्ट कर देता हो, वाकई ऐसे आतंकवादी को गिरफ्तार करने के बारे में सोचना सपने जैसा ही लगता है। लेकिन यह सपना सच हो गया है और यासीन भटकल नाम के इस आतंकवादी को बिहार और कर्नाटक पुलिस के सहयोग से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एनआईए की बड़ी उपलब्धि मानी जानी चाहिए क्योंकि यह वाकई एक अबूझ पहेली जैसा है।
खुफिया एजेंसी के अधिकारी कहते हैं कि यासीन भटकल की गतिविधियों पर नजर रखना काफी मुश्किल काम था क्योंकि वह सूचना तकनीक में भरोसा नहीं रखने वाला आतंकवादी था। परंपरागत तरीकों से जीने वाला भटकल हर पखवाड़े ठिकाना बदल लेता था। जानते हैं आखिर कौन है यह यासीन भटकल जो देश के अलग-अलग शहरों में कई बड़े धमाकों का अपराधी होने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त से लंबे समय तक बाहर रहा?
15 जनवरी 1983 को जन्मे यासीन भटकल का असली नाम मोहम्मद जर्रार अहमद सिद्धिबापा है तथा वह कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 400 किलोमीटर दूर उत्तरा कन्नड़ा जिले के भटकल गांव का रहने वाला है। उसकी शुरुआती शिक्षा अंजुमन हमी ए मुसलमीन नाम के मदरसे में हुई। जेहाद के प्रति रूझान होने के कारण भटकल इंजीनियरिंग कॉलेज के पुस्तकालय में इस्लाम से संबंधित पुस्तकें एवं लेख पढ़ने जाया करता था तथा इस्लाम में वर्णित पवित्र युद्ध के संदेश से वह विशेष तौर पर प्रभावित था।
पूछताछ में भटकल ने जो कुछ बताया उसके मुताबिक 2002 के अक्टूबर महीने में भटकल ने मौलाना शीष का व्याख्यान सुना था। इस व्याख्यान से प्रभावित भटकल ने उनसे निजी तौर पर मुलाकात की। इस निजी मुलाकात ने भटकल को कट्टरपंथी विचारों का हिमायती बना दिया तथा भारत और उसके निवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए प्रेरित कर दिया।
भटकल ने 2007 में छह अन्य लोगों के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की। इस समूह ने अनेक बम विस्फोट कर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को फैलाया। इस संगठन द्वारा किए गए आतंकी हमलों में 2010 में पुणे के जर्मन बेकरी में किया गया बम विस्फोट था, जिसमें 17 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
जयपुर में भी एक ही समय पर नौ बम विस्फोट करने के पीछे भी इसी संगठन का हाथ माना जाता है। इस विस्फोट में 60 लोगों की मौत हो गई थी, तथा इसी वर्ष आईएम द्वारा दिल्ली में किए गए बम विस्फोट में 30 व्यक्ति मारे गए थे। भटकल 2008 में दिल्ली लौटा तथा जामिया नगर इलाके में शादी रचाई। इसके कुछ ही सप्ताह बाद दिल्ली में बम विस्फोट हुए। आईएम को सरकार द्वारा 2010 में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया।
यासीन के बारे में खुफिया एजेंसियों के अधिकारी अक्सर बताया करते थे कि उसकी गतिविधियों पर नजर रख पाना बहुत मुश्किल काम है। एक अधिकारी के मुताबिक यासीन को अत्याधुनिक सूचना तकनीक का प्रयोग करना पसंद नहीं है। इसके बजाय वह परंपरागत तरीकों जैसे भेष बदल कर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने या निकल भागने में माहिर है। एक खुफिया अधिकारी के मुता्बिक, `एक ऐसा आदमी जो ई-मेल नहीं करता, हर पखवाड़े ठिकाने बदल लेता हो, ग्रामीण क्षेत्रों में रहता हो और मोबाइल फोन को कुछ ही सेकंड तक इस्तेमाल कर सिमकार्ड नष्ट कर देता हो, उस पर आप किस तरह से नजर रखेंगे।`
हालांकि एक बार यासीन भटकल पुलिस गिरफ्त में पहले भी आ चुका है। 2008 में जब कोलकाता पुलिस ने उसे फर्जी नोटों के एक मामले में हिरासत में लिया था और एक माह जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिल गई तब पुलिस पूरी तरह अनभिज्ञ थी कि यह शख्स इंडियन मुजाहिदीन का मास्टरमाइंड है। तब यासीन ने खुद के बारे में जानकारी दी थी कि वह बिहार के दरभंगा का रहने वाला मोहम्मद अशरफ है।
इसी तरह से नवंबर, 2011 में वह चेन्नई में खुफिया अधिकारियों को चकमा देकर भाग निकला था। दिल्ली और चेन्नई में तैनात खुफिया अधिकारी एक सूचना के आधार पर जब उसके ठिकाने पर पहुंचे तो उसके कुछ घंटे पहले ही यासीन वहां से निकल चुका था। उसके ससुर इरशाद खान ने पुलिस को बताया था कि वह बाजार गया है, लेकिन यासीन वापस अपने उस ठिकाने पर कभी नहीं लौटा।
भटकल को भारत-नेपाल सीमा से बिहार पुलिस ने एनआईए की टीम और कर्नाटक पुलिस के साथ मिलकर गिरफ्तार किया है। भटकल मधुबनी के रास्ते बिहार से अक्सर नेपाल जाता रहता था। एऩआईए ने इसी जानकारी को बिहार पुलिस से शेयर किया और भटकल को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया है। 12 राज्यों की आतंक निरोधक एजेंसियों द्वारा यासीन के खिलाफ दायर आरोप पत्रों के मुताबिक वह 2008 से हुए कम से कम 10 बम धमाकों का मास्टरमाइंड रहा है। ये बम धमाके अहमदाबाद (2008), सूरत (2008), जयपुर (2008), नई दिल्ली (2008), बनारस के दशाश्वमेध घाट (2010), बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम (2010), पुणे के जर्मन बेकरी (2011), मुंबई (2011), हैदराबाद (2013) और बेंगलुरु (2013) में हुए थे। हाल में गया के महाबोधि में सीरियल ब्लास्ट में भी भटकल पर ही संदेह जताया गया था।

Trending news