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मदुरै : भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा में उनके काफिले को निशाना बनाने की साजिश के पीछे प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल उम्मा के दो पूर्व कट्टर सदस्यों की पहचान मास्टरमाइंड के रूप में हुई है। इन्हें दबोचने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है।
विशेष जांच टीम के अधिकारियों ने यहां बताया कि मारे गए आतंकी इमाम अली के करीबी सहयोगियों ‘पुलिस’ फकरुद्दीन और बिलाल मलिक ने पिछले महीने आडवाणी की यात्रा की घोषणा होते ही साजिश रचने का काम शुरू कर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि एसटीएफ को दोनों के या तो बेंगलूर या फिर आंध्र प्रदेश में छिपे होने का शक है और वहां जांच के लिए विशेष टीमें भेजी गई हैं।
सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल का बेटा फकरुद्दीन 2002 में जिले में ओवामलई में हुए एक विस्फोट में शामिल था, जिसमें इमाम अली को गिरफ्तार किया गया था। उसने अली की उस समय भागने में मदद की जब उसे पलयमकोट्टई जेल ले जाया जा रहा था। अली एक खूंखार आतंकी था, जो 2002 में बेंगलूर में मुठभेड़ में मारा गया।
(एजेंसी)