`क्रिकेट की गरिमा बनाए रखने को BCCI करे कार्रवाई`

उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग और अनियमितताओं से निबटने के प्रति ‘ढुलमुल’ रवैये के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आड़े हाथ लिया और निर्देश दिया कि क्रिकेट की गरिमा बहाल करने के लिये अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग और अनियमितताओं से निबटने के प्रति ‘ढुलमुल’ रवैये के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आड़े हाथ लिया और निर्देश दिया कि क्रिकेट की गरिमा बहाल करने के लिये अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।
न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने आईपीएल पर प्रतिबंध लगाने से इंकार करते हुये स्पाट फिक्सिंग कांड के कारण कलंकित हुये क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप में व्याप्त गंदगी की सफाई के लिये तत्काल कदम उठाने के बोर्ड को निर्देश दिये।
न्यायालय ने बोर्ड को आगाह किया कि इस तरह की अनियमितताओं पर क्रिकेट प्रेमी शायद चुप नहीं रहेंगे। न्यायालय ने ऐसे खिलाड़ियों और तमाम गड़बड़ियां करने वाली टीमों को दंडित करने का निर्देश भी दिया।
आईपीएल मैचों पर प्रतिबंध के लिये दायर जनहित याचिका का जब वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने विरोध किया तो न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘समस्या तो बीसीसीआई का रवैया है और यह बंद होना चाहिए।’’ न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘हम किसी खिलाड़ी विशेष के बारे में नहीं बल्कि अनियमितताओं के बारे में बात कर रहे हैं। आप क्या उपाय कर रहे हैं? इस तरह की अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिये आपको सभी कदम उठाने चाहिए।’’ न्यायाधीशों ने कहा कि न्यायाधीश भी क्रिकेट देखते हैं।
बीसीसीआई ने स्वीकार किया कि इसमें अनियमितताएं हुयी हैं और अब उसने सारे मसले पर गौर करने के लिये एक सदस्यीय समिति गठित की है और बोर्ड ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिये आवश्यक कदम उठा रहा है।
न्यायालय ने समिति को अपनी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर पेश करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने बोर्ड को भी निर्देश दिया कि इस रिपोर्ट के आधार पर ऐसी टीमों और खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। (एजेंसी)

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