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ज़ी मीडिया ब्यूरो
लखनऊ/मुजफ्फनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में बीते दिनों भड़के दंगों को लेकर चारों तरफ से निशाने पर आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को यूपी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री आजम खान का बचाव किया। अखिलेश ने कहा कि मुजफ्फनगर दंगे में उनकी (आजम खान) कोई भूमिका नहीं है।
उधर, उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के पद पर तैनात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी अरुण कुमार दो दिन की छुट्टी पर चले गए हैं। उन्होंने राज्य सरकार को पत्र भेजकर उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मुक्त करने का अनुरोध किया था। गौर हो कि मुजफ्फनगर हिंसा के बाद अखिलेश ने नाराजगी जताई थी। वहीं, यूपी सरकार ने कहा कि अरुण कुमार रुटीन छुट्टी पर गए हैं।
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजम खान का इस दंगे से कोई वास्ता नहीं है और न ही इसमें उनकी कोई भूमिका है। उन्होंने किसी भी पुलिस अधिकारी को नहीं बुलाया और न ही पुलिस अफसरों से दंगाईयों के मामले में धीमा रुख बरतने की बात की।
दंगों को लेकर चौतरफा प्रहार झेल रहे अखिलेश ने हालांकि राज्य सरकार की ओर से कुछ विफलता की बात मानी। उन्होंने कहा कि महापंचायत में आए लोगों का आकलन करने में हमसे चूक हुई। मुख्यमंत्री ने हालांकि, बीजेपी को दंगा भड़काने के लिए जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फनगर दंगों को बीजेपी ने हवा दी।
वहीं, उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर हिंसा के मामले में तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। वहीं, बुधवार को तमाम कोशिशों के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपी विधायकों को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। मामला दर्ज होने के एक सप्ताह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक किसी नेता को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने मंगलवार को धारा 144 लागू होने के बावजूद सभा व भाषणबाजी करने के मामले में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के सांसद कादिर राणा, बसपा विधायक सलीम राणा व जमील अहमद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संगीत सोम, भारतेंदु सिंह, किसान नेता राकेश और नरेश टिकैत सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।
उधर, उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने मुजफ्फरनगर हिंसा के पीड़ितों को पेंशन देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने गुरुवार को संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 400 रुपये की पेंशन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह पेंशन हिंसा में घायल व मृत व्यक्तियों के परिवारों के एक सदस्य को दी जाएगी। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को हिंसा प्रभावित लोगों की सूची बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं।