महाकुंभ 2013: संगम तीरे शहीदों का एक गांव भी
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महाकुंभ 2013: संगम तीरे शहीदों का एक गांव भी

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में उन जवानों के लिए भी जगह दी गई है, जिन्होंने कारगिल युद्ध और मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले के दौरान देश की आन-बान और शान के लिए अपनी शहादत दी थी।

संगम (इलाहाबाद) : दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में उन जवानों के लिए भी जगह दी गई है, जिन्होंने कारगिल युद्ध और मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले के दौरान देश की आन-बान और शान के लिए अपनी शहादत दी थी। महाकुम्भ में सेक्टर नौ में पहली बार शहीदों के परिजनों के लिए अलग से एक गांव बसाया गया है और इसमें एक बहुत बड़ी यज्ञशाला तैयार की, जिसमें हवन-पूजन का काम किया जाएगा।
कारगिल युद्ध और मुम्बई आंतकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के लिए महाकुम्भ में हरिश्चंद्र मार्ग पर सेक्टर नौ स्थित संत बालक योगेश्वर दास जी महाराज के शिविर में 30 झोपड़ीनुमा बैरक बने हैं तथा सेना की ओर से 16 टेंट लगाए गए हैं।
इस शिविर में विशाल यज्ञशाला में 100 कुंड बनाए गए हैं। यहां पर शहीदों के लिए यज्ञ की जाएगी और इसके लिए वाराणसी से पंडितों की टीम बुलाई गई है। बद्रीनाथ धाम के बालक योगेश्वर दास ने वर्ष 2005 में पहली बार शहीदों के परिवारों के लिए यज्ञ किया था। जम्मू में हुए इस महायज्ञ में कारगिल युद्ध के शहीदों के घर वाले शामिल भी हुए थे।
इस शिविर के एक संत बताते हैं कि 2010 में हरिद्वार में हुए कुम्भ मेले में हुए महायज्ञ में भी शहीदों के परिवारों को एकत्रित किया गया था लेकिन प्रयाग के इस कुम्भ में शहीदों के परिजनों को पहली बार लाने की पहल की जा रही है। संत ने बताया कि प्रशासन की ओर से सेक्टर नौ में गंगा के ठीक किनारे इसके लिए जमीन दी गई है और उसके बाद लाखों रुपये खर्च कर यहां एक बहुत बड़ी यज्ञशाला भी बनवाई गई है।
संत के मुताबिक शहीदों के परिजनों ने भी यहां आने के लिए हामी भरी है। यज्ञशाला में 100 कुंड बनाए गए हैं। एक बार सभी लोगों के पहुंचने के बाद हवन-पूजन का काम शुरू कर दिया जाएगा। (एजेंसी)

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