महाराष्ट्र-बिहार की एसी ट्रेन की छत से लीक कर रहा पानी, यात्री भी हो गए परेशान
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महाराष्ट्र-बिहार की एसी ट्रेन की छत से लीक कर रहा पानी, यात्री भी हो गए परेशान

Maharashtra-Bihar Train: जरा सोचिए, आप ट्रेन की एसी बोगी में सफर कर रहे हैं और अचानक अंदर बारिश की बूंदें गिरने लगे. दानापुर-पुणे एक्सप्रेस के यात्रियों को रेलवे की लापरवाही की वजह से कुछ ऐसा ही सामना करना पड़ा.

 

महाराष्ट्र-बिहार की एसी ट्रेन की छत से लीक कर रहा पानी, यात्री भी हो गए परेशान

Danapur Pune Express: जरा सोचिए, आप ट्रेन की एसी बोगी में सफर कर रहे हैं और अचानक अंदर बारिश की बूंदें गिरने लगे. दानापुर-पुणे एक्सप्रेस के यात्रियों को रेलवे की लापरवाही की वजह से कुछ ऐसा ही सामना करना पड़ा. एक यात्री ने इस सिचुएशन का वीडियो बना लिया और ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि ये वीडियो दानापुर-पुणे एक्सप्रेस का है, जो महाराष्ट्र के पुणे से बिहार के दानापुर जा रही है. खबरों के अनुसार ये वीडियो एसी बी-2 कोच का है, जहां यात्रियों को छत से बारिश की तरह पानी टपकने की समस्या का सामना करना पड़ रहा था.

ट्रेन की छत से पानी लीक करने का वीडियो वायरल

इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एसी 3 कोच नंबर बी2 की छत से पानी टपक रहा है, जिससे ट्रेन की हालत खराब हो गई है. अमूमन लोग रात में आराम से सोने के लिए ही तो एसी वाली स्लीपर गाड़ियां चुनते हैं. लेकिन जब एसी स्लीपर गाड़ी में भी पानी भरने लगे, तो ये सवाल उठता है कि यात्री आखिर एसी वाली गाड़ियों पर पैसे क्यों खर्च करें? ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही भारतीय रेलवे व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए. और ये कोई पहली घटना नहीं है. हाल ही में, जबलपुर से पुणे जा रही एक स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे यात्री आनंद शर्मा काफी गुस्से और परेशान थे, क्योंकि ट्रेन छह घंटे से भी ज्यादा लेट हो गई थी.

कई सारे लोगों ने भी बताई अपनी-अपनी परेशानी

उसी तरह पुणे से जबलपुर जा रही होली स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे रियांश कोहली को भी परेशानी झेलनी पड़ी थी. उन्होंने बताया कि एसी-2 वाला डिब्बा गंदा था. एक अन्य यात्री देवजोन रॉय ने कहा, "एक तरफ रेलवे वंदे भारत जैसी नई गाड़ियों के बारे में डींग मारता है और विज्ञापन करता है, लेकिन दूसरी तरफ, मौजूदा गाड़ियों में पहले से मौजूद बुनियादी समस्याओं को भी ठीक नहीं किया जा रहा है." रेलवे अधिकारी इस समस्या का समाधान नहीं कर पाए हैं और देरी के लिए दूसरे रेलवे क्षेत्रों को ही जिम्मेदार ठहराते रहते हैं.

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