दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में शौचालयों को बदबू मुक्त करने के लिए अभियान चला हुआ है.
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बीजिंग : भारत के बाद अब चीन में भी शौचालय क्रांति चर्चा का विषय बनी हुई है. हालांकि ये भारत से कुछ अलग है. दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में शामिल बिल गेट्स ने भी इसका समर्थन किया है. बिल गेट्स ने दुनिया के विकासशील देशों द्वारा झेली जा रही शौचालयों की समस्या की तरफ दुनिया भर का ध्यान खींचने के लिए मंगलवार को एक स्टंट किया. लोगों ने जब मंगलवार को माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक को मानव मल का एक जार दिखाते हुए देखा तो चौंक गए. दरअसल ‘भविष्य में शौचालय तकनीक’ को लेकर बीजिंग में एक कार्यक्रम आयोजित था.
गेट्स ने यहां कहा कि बिना स्वच्छता के बहुत सारी चीजें मानवीय जीवन को प्रभावित कर सकती है. खुले में शौच से लोगों का जीवन प्रभावित होता है. पर्याप्त संख्या में शौचालयों का नहीं होना न केवल जीवन जीने के तरीके को प्रभावित करता है बल्कि यह बीमारी, मौत और कुपोषण से भी जुड़ा है. अरबपति ने कहा कि दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी आरामदायक स्वच्छता सुविधाओं से वंचित है.
There are few things I love talking about more than toilets. pic.twitter.com/rQdY3ZiIpC
— Bill Gates (@BillGates) November 5, 2018
गेट्स ‘रिइन्वेंटेड टॉयलेट एक्सपो’ में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को बीजिंग में थे. यह कार्यक्रम बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने सीवर की जगह नई तकनीक के इस्तेमाल को दिखाने के लिए आयोजित किया था. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में शौचालयों को बदबू मुक्त करने के लिए अभियान चला हुआ है और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस अभियान को ‘शौचालय क्रांति’ बताया है.
वहीं भारत में भी इसी तरह का लोक स्वास्थ्य अभियान चल रहा है. भारत सरकार का कहना है कि 2014 में 55 करोड़ लोग खुले में शौच करते थे जो अब कम होकर 15 करोड़ रह गए हैं.