भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की PAK में हत्या, पठानकोट हमले का था मास्टरमाइंड
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भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की PAK में हत्या, पठानकोट हमले का था मास्टरमाइंड

Shahid Latif Encounter: पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के आतंकी शाहिद लतीफ की अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर दी. यह पठानकोट हमले का मास्टर माइंड था.

भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की PAK में हत्या, पठानकोट हमले का था मास्टरमाइंड

Shaid Latif News: भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की पाकिस्तान के सियालकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई है. यह पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड था.एनआईए ने इसके खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था. लतीफ पाकिस्तान के गुजरांवाला का रहने वाला था और जैश ए मोहम्मद से इसका संबंध था. यह जैश के लिए सियालकोट में काम करता था, इसके जिम्मे आतंकियों को तैयार करना और हमले की योजना बनाने का काम था.

1994 में शाहिद हुआ था गिरफ्तार
शाहिद की गिरफ्तारी 1994 में हुई थी और करीब 16 साल की सजा के बाद इसे पाकिस्तान भेज दिया गया था. पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर 2 जनवरी को आतंकियों ने हमला किया जिसके पीछे इसका दिमाग था. यही नहीं इंडियन एयरलाइंस विमान के अपहरण में भी इसकी भूमिका थी.

2016 में पठानकोट बेस पर हुआ था हमला
पठानकोट एयरबेस पर 2016 में हमला हुआ था और जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी. उस आतंकी हमले में कुल सात जवान शहीद हुए थे. पठानकोट एयरबेस का सामरिक महत्व ज्यादा है. यह पाकिस्तान की सीमा के करीब है इसके साथ ही यहां हथियारों का जखीरा भी है. युद्ध के समय में इसकी भूमिका बढ़ जाती है, अगर पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 की लड़ाइयों की बात करें तो इसकी भूमिका अहम थी.

विदेशी जमीं पर इन आतंकियों की हुई हत्या

  • 22 फरवरी 2023 को अफगानिस्तान में एजाज अहमद अहंगर की हत्या

  • 26 फरवरी 2023 को पाकिस्तान में सैयद खालिद रजा का मर्डर 

  • 4 मार्च 2023 को पाकिस्ताव में सैयद नूर की हत्या

  • रावलकोट में मोहम्मद रियाज मारा गया

फरवरी 2023 में बशीर की हुई थी हत्या
शाहिद से पहले भी कई आतंकियों की पाकिस्तान में हत्या हो चुकी है. इससे पहले फरवरी 2023 में बशीर अहमद पीर की भी पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी. इसका नाता हिज्बुल मुजाहिद्दीन से था. यह हिज्बुल में लांचिंग कमांडर की भूमिका में था. इसे भी भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया था. बशीर, रावलपिंडी में बैठकर भारत के खिलाफ नापाक योजनाओं को बनाता था. यही नहीं जम्मू कश्मीर में आतंकियों के दाखिले में भी इसकी अहम भूमिका होती थी.

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