दरअसल चीन में वीगर मुसलमानों (Uighur Muslim) को दोबारा शिक्षित करने यानी 'री-एजुकेट' करने के नाम पर विशाल शिविर बनाए गए हैं. इन शिविरों में 10 लाख से भी ज्यादा महिला और पुरुष कैद कर रखे गए हैं. इन शिविरों में चीनी प्रशासन द्वारा वीगर महिलाओं के साथ पूरी योजना के साथ गैंगरेप (Gangrape) किया जा रहा है. लगातार उनका यौन उत्पीड़न किया जा रहा है.
एक महिला ने आपबीती बताई, 'कोरोना (Corona) का डर न रहे इसलिए कैंप में चीनी हमेशा मास्क पहन कर आते थे. आधी रात के बाद किसी भी वक्त वे सेल में आकर औरतों को उठा कर ले जाते. चीनी सिपाही महिलाओं को घसीटते हुए एक 'ब्लैक रूम' में ले जाते, जहां कोई सर्विलांस कैमरा नहीं होता. यहीं पर वो घिनौनी हरकतें करते.'
इन्हीं कैंपों में रही एक महिला के हवाले से BBC की रिपोर्ट में बेहद हैरान करने वाला खुलासा किया गया है. री-एजुकेशन के नाम पर चल रहे कैंप में महिलाओं के गहने उतरवा कर रख लिए जा रहे थे. इसके बाद एक कमरे में ठूंस दिया गया, जहां पहले से ही कुछ महिलाएं कैद थीं. महिला ने कहा कि एक बुजुर्ग लेडी के सारे कपड़े उतरवा दिए गए. उनके शरीर पर सिर्फ इनरवेयर रह गए थे. उन्होंने अपने हाथ से अपने शरीर को ढकने की कोशिश की.
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इन कैंप में महिलाओं से कहा गया कि वे अपने जूते और बटन और इलास्टिक लगे सभी कपड़े सौंप दें. इसके बाद उन्हें अलग-अलग ब्लॉक में बने सेल में ले जाया गया. सेल में चीन के प्रोपेगैंडा कार्यक्रम देखने को मजबूर किया जाता था. उनके बाल जबरदस्ती काट कर छोटे कर दिए गए. जो महिला चीनी सिपाहियों की बात मानने से इनकार करे उसकी बेरहमी से पिटाई लगाई जाती.
शिनजियांग कैंप से भागकर अमेरिका पहुंची एक महिला ने खुलासा किया महिलाओं को 'हर रात' सेल से उठा लिया जाता था. इसके बाद उनके साथ मास्क पहना कोई आदमी बलात्कार करता था. महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार भी होता था. खुद उस महिला के साथ यह सब हुआ. उसके साथ तीन बार सामूहिक बलात्कार हुआ. हर बार दो या तीन पुरुषों ने उसके साथ गैंगरेप किया.
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