उत्तर प्रदेश के झांसी में आयोजित यूपी डिफेंस कॉरिडोर की बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय पेयजल मंत्री उमा भारती मौजूद रहीं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के झांसी में आयोजित यूपी डिफेंस कॉरिडोर की बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय पेयजल मंत्री उमा भारती मौजूद रहीं. इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम में बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण भूमिका है. उत्तर प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन में डिफेंस कॉरिडोर का अहम स्थान है. झांसी में सबसे अच्छी कनेक्टिविटी है, जिसके कारण डिफेंस कॉरिडोर यहां के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. यह कॉरिडोर बन जाने के बाद बुंदेलखंड का पिछड़ापन और आर्थिक गरीबी दूर होगी. क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवाओं को आसानी से रोजगार मिलेगा. सीएम योगी ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर एक ऐसा माध्यम बनेगा, जिससे प्रदेश का विकास बहुत तेजी से होगा. उन्होंने कहा कि निवेशकों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी.
यूपी में संसाधनों की कमी नहीं होने देंगे- सीएम योगी
डिफेंस कॉरिडोर को लेकर पीएम मोदी की घोषणाओं को लेकर सीएम योगी ने उनका आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस मकसद को पूरा करने के लिए हम सभी उत्साह के साथ काम कर रहे हैं. डिफेंस कॉरिडोर के लिए यहां पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं. साथ ही, उद्यमियों के लिए सम्पर्क मार्ग की सुविधा है. उन्होने प्रदेश के औद्योगिक विकास की चर्चा करते हुए कहा कि हार्डवेयर और लेदर आदि का कार्य यहां बहुलता से होता है. इसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग हो जाए तो इस उद्योग को और गति मिल जाएगी. झांसी के विकास के लिए रेलवे कारखाना भी आ गया है. इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग पार्क और एक्सप्रेस-वे भी बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है.
आज झांसी में उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर सम्बन्धी बैठक के अवसर पर आदरणीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी एवं केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री आदरणीय सुश्री उमा भारती जी के साथ। pic.twitter.com/XUUeOk5SIy
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 16 April 2018
खुद पीएम मोदी कर रहे हैं डिफेंस कॉरिडोर की मॉनिटरिंग
मुख्य अतिथि के तौर पर आई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उपस्थित निवेशकों से कहा कि चेन्नई के पास डिफेंस एक्सपो आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय उद्यमी शामिल हुए और नतीजे सकारात्मक रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक्सपो में 45 फीसदी तक उत्पादकर्ता इस देश के रहे, जो उच्च गुणवत्ता के उत्पाद तैयार करते हैं. स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज यदि आधुनिक उत्पाद बनाए तो ज्यादा बेहतर होगा. डिफेंस एक्सपो में छोटे-बड़े उद्यमियों को साथ-साथ डिस्प्ले का अवसर दिया, जिससे छोटे उद्यमियों को लाभ हुआ.
झांसी में सबसे अच्छी कनेक्टिविटी है, जिसके कारण डिफेंस कॉरिडोर यहां के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। pic.twitter.com/n2wJAys19w
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रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा के बाद से ही लगातार रक्षा मंत्रालय और प्रदेश सरकार के अधिकारी कई बैठकें कर चुके हैं, जिसके सुखद परिणाम आए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में युवाओं की संख्या अधिक है, जिन्हें आगे लाया जाना चाहिए, ताकि उनके इनोवेशन का लाभ लिया जा सके. युवाओं को अगर इस संबंध में जानकारी दी जाए तो वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं, उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिफेंस सेक्टर में उद्योग जगत प्रतिभाग करे, सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी. डिफेंस कॉरिडोर की मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री मोदी खुद कर रहे हैं.
कॉरिडोर बन जाने के बाद बुन्देलखण्ड का पिछड़ापन और आर्थिक गरीबी दूर होगी। क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए काॅरिडोर एक ऐसा माध्यम बनेगा, जिसके द्वारा क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। निवेशकों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। pic.twitter.com/kzJcNhPrwK
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डिफेंस कॉरिडोर से प्रदेश का विकास होगा- उमा भारती
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि झांसी में डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण यहां के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. बुंदेलखंड की परिस्थिति और भौगोलिक स्थिति इजराइल जैसी है. यहां इजराइल की तर्ज पर विकास संभव है. उन्होंने कहा कि सकारात्मकता का वातावरण बनाया जाए, ताकि डिफेंस कॉरिडोर के साथ ही फूड प्रोसेसिंग पार्क और स्किल डेवलपमेंट को जोड़कर क्षेत्र के विकास को गति दी जा सके. यदि सभी को जोड़कर समन्वित ढंग से काम किया जाए, तो टाइम लाइन में काम पूरा कर लिया जाएगा.
डिफेंस कॉरिडोर में सात जिले शामिल
बता दें डिफेंस कॉरिडोर में 7 जिले शामिल हैं. जमीन की कोई कमी नहीं है. साथ ही, पर्याप्त टेस्टिंग रेंज भी है. लगभग 3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि चिन्हित कर ली गई है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी. झांसी डिफेंस कॉरिडोर में एयरक्रॉफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इण्डस्ट्री और ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री विकसित की जाएंगी. जमीन के लिए जल्द ही नोटीफिकेशन जारी किया जा रहा है. IIT कानपुर डिफेंस कॉरिडोर में तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराएगा. स्किल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा.