महागठबंधन की चर्चाओं के बीच राहुल का फैसला, इस राज्य में किसी से गठबंधन नहीं करेगी कांग्रेस
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महागठबंधन की चर्चाओं के बीच राहुल का फैसला, इस राज्य में किसी से गठबंधन नहीं करेगी कांग्रेस

2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संयुक्त विपक्ष की खबरों के बीच कांग्रेस का बड़ा फैसला.

कभी एकीकृत आंध्रप्रदेश कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन तेलंगाना बनने के बाद पार्टी संघर्ष कर रही है

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आंध्रप्रदेश के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ करीब तीन घंटे तक मैराथन बैठक की जिसके बाद पार्टी ने कहा कि राज्य में वह आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने आंध्रप्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग का समर्थन करते हुए यह भी आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर बीजेपी और तेलुगू देसम पार्टी (टीडीपी) ने राज्य की जनता के साथ धोखा किया है.

  1. बूथ स्तर तक अभियान चलाएगी पार्टी
  2. संगठन को मज़बूत करने का प्रयास करेगी पार्टी
  3. बैठक सुबह 11 बजे से आरंभ होकर दिन में दो बजे तक चली

गांधी के साथ बैठक के बाद कांग्रेस के आंध्रप्रदेश प्रभारी ओमन चांडी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में उनकी पहली प्राथमिकता संगठन को मज़बूत करना है और इसके लिए बूथ स्तर तक अभियान चलाया जाएगा.

चांडी ने कहा कि वह हर जिले में जाएंगे और संगठन को मज़बूत करने के लिए बूथ स्तर तक कार्य किया जाएगा. संगठन को मजबूत करने के लिए एक कार्य योजना भी बनाई गई है. उन्होंने बताया कि वह इस माह की 12-13 तारीख को विजयवाडा गए थे वहां प्रदेश के नेताओं से विस्तृत चर्चा की थी. चांडी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का गठबंधन जनता के साथ होगा और पार्टी राज्य के किसी दूसरे दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी.

कांग्रेस के आंध्र प्रदेश प्रभारी ने कहा कि यूपीए -2 सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही थी लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले चार साल में इसे सिर्फ लटकाया है. चांडी के मुताबिक राहुल गांधी ने सपष्ट किया कि अगर कांग्रेस 2019 में सत्ता में आती है तो तत्काल प्रभाव से आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक गांधी के साथ आंध्र के इन कांग्रेस नेताओं की बैठक सुबह 11 बजे से आरंभ होकर दिन में दो बजे तक चली. इस दौरान गांधी ने नेताओं से एक एक करके अलग से भी मुलाकात की. केरल के पूर्व मुख्यमंत्री चांडी के आंध्र प्रदेश का कांग्रेस प्रभारी नियुक्ति होने के बाद राज्य के पार्टी नेताओं के साथ गांधी की यह पहली बैठक थी.

कभी एकीकृत आंध्रप्रदेश कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन तेलंगाना राज्य बनने के बाद पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा.

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