Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर 700 साल में बना 9 शुभ योगों का दुर्लभ संयोग, जान लें सबसे शुभ मुहूर्त
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Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर 700 साल में बना 9 शुभ योगों का दुर्लभ संयोग, जान लें सबसे शुभ मुहूर्त

Holika Dahan 2024: 24 मार्च, रविवार को फाल्‍गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन होगा और 25 मार्च को होली खेली जाएगी. इस साल होलिका दहन के दिन भद्रा का साया है लेकिन 9 शुभ योग भी बन रहे हैं. 

Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर 700 साल में बना 9 शुभ योगों का दुर्लभ संयोग, जान लें सबसे शुभ मुहूर्त

Holika Dahan 2024 in Hindi: इस साल फाल्‍गुन पूर्णिमा 2 दिन पड़ रही है लेकिन 24 मार्च को ही होलिका दहन करने का शुभ मुहूर्त है. वहीं 25 मार्च को रंगों का पर्व होली मनाया जाएगा. इस साल होली और होलिका दहन दोनों ही दिन बहुत खास हैं. एक ओर होली पर चंद्र ग्रहण पड़ने का संयोग 100 साल बाद बना है. वहीं 700 साल बाद होलिका दहन के दिन कई शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बना है. हालांकि होलिका दहन के दिन भद्रा का साया भी रहेगा. भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. लिहाजा होलिका दहन कब करें, ये जान लेना बेहतर है. 
 
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 

24 मार्च को होलिका दहन के दिन सुबह 9 बजकर 24 मिनट से रात 10 बजकर 27 मिनट तक भद्रा काल रहने वाला है. लिहाजा होलिका दहन करने के लिए शुभ मुहूर्त इसके बाद रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर देर रात्रि को 12 बजकर 20 मिनट तक ही है. वहीं फाल्‍गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च की सुबह 9 बजकर 54 मिनट से 25 मार्च की दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है. ऐसे में फाल्‍गुन पूर्णिमा का स्‍नान-दान, व्रत-पूजा 25 मार्च की सुबह करना ही शुभ रहेगा. 

24 मार्च को 9 शुभ योग 

इस साल होलिका दहन के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. होलिका दहन 24 मार्च को सर्वार्थसिद्धि, लक्ष्मी, पर्वत, केदार, वरिष्ठ, अमला, उभयचरी, सरल और शश महापुरुष योग आदि बन रहे हैं. इन योगों में होलिका दहन करना जीवन के कष्‍ट दूर करेगा और सुख-समृद्धि देगा. होलिका दहन के दिन एकसाथ इतने सारे शुभ योग का संयोग करीब 700 साल बाद बना है. 

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होलिका दहन पूजा विधि 

होली रंगों और उत्‍सव का त्‍योहार है. वहीं होलिका दहन बुराई पर अच्‍छाई की जीत का प्रतीक है. होलिका दहन को छोटी होली कहते हैं. होलिका दहन से पहले पूजा की जाती है. इसके लिए साफ-सुथरी जगह पर होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा स्‍थापित करें. फिर मंत्रों का जाप करते हुए रोली, अखंडित चावल के दाने या अक्षत, फूल, कच्चा सूत का धागा, हल्दी के टुकड़े, अखंडित मूंग दाल, बताशा, नारियल और गुलाल आदि चढ़ाएं. होलिका की परिक्रमा करें. फिर उपलों और लकड़ी से होलिका दहन करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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