जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा की ऐसी खगोलीय स्थिति बनती है कि तीनो एक ही सीध में हो तब पृथ्वी की छाया चन्द्रमा में पड़ती है, इसे ही चन्द्र ग्रहण कहते है
Trending Photos
नई दिल्लीः साल के पहले ही महीने में लगने वाला चन्द्र ग्रहण 21 जनवरी यानी कल सोमवार को दिखाई देगा. आपको बता दें कि यह चन्द्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इस बार का चन्द्र ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार चन्द्र ग्रहण वाले दिन चन्द्रमा अपने सामान्य आकार से 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा होगा और यह रोज की अपेक्षा 30 प्रतिशत ज्यादा चमक के साथ चमकेगा. वैज्ञानिको ने इस ग्रहण को सुपर ब्लड मून का नाम दिया है. माना जा रहा है कि चन्द्र ग्रहण के दौरान पूरा आकाश लाल रंग का चमक उठेगा और इस पूरी प्रक्रिया को नासा ने मोस्ट डैजलिंग शो यानी सबसे चमकदार शो का नाम दिया है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि क्या होता है सुपर ब्लड मून और यह चन्द्र ग्रहण वाले दिन कैसे बनता है.
अंतरिक्ष में रहने वालों के दिमाग पर पड़ता है सबसे अधिक असर, रिपोर्ट में खुलासा
क्या है सुपर ब्लड मून
सुपर ब्लड मून चन्द्र ग्रहण की एक विशेष खगोलीय स्थिति होती है. इस दिन चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है. सुपर ब्लड मून के दिन चन्द्रमा का आकार 14 फीसद ज्यादा बड़ा हो जाता है और इसकी चमक में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हो जाता है. चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी एवं चंद्रमा ऐसी स्थिति में होते हैं कि कुछ समय के लिए पूरा चांद अंतरिक्ष में धरती की छाया से गुजरता है. लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते वक्त सूर्य की लालिमा वायुमंडल में बिखर जाती है और चंद्रमा की सतह पर पड़ती है और चांद लाल रंग का नजर आता है तब इसे ब्लड मून के नाम से जाना जाता है. क्योंकि सोमवार को होने वाला चन्द्र ग्रहण पूर्ण चन्द्र ग्रहण है इसलिए इसे सुपर ब्लड मून का नाम दिया जा रहा है.
वैज्ञानिकों का दावा, एक बार चार्ज पर पूरे 800 KM तक चलेंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल
क्या कहती हैं मान्यताएं और विज्ञान
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक 'ब्लड मून' वाले चंद्रग्रहण के बाद आंधी-तूफान की दस्तक होती है जबकि विज्ञान कहता है कि चंद्रग्रहण से डरने की कोई जरूरत नहीं है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्रग्रहण के दौरान खाने-पीने या सफर से बचना चाहिए जबकि विज्ञान कहता है कि ऐसे मिथकों का कोई आधार नहीं है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा संचार होता है, जबकि विज्ञान कहता है ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिलता है जिससे यह बात साबित हो सके. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए, जबकि विज्ञान के अनुसार इससे गर्भवती महिलाओं को कोई खतरा नहीं है.
जीन में बदलाव कर बच्चियों को जन्म देने की प्रक्रिया पर इस वजह से लगी रोक
ऐसी स्थिति में बनता है चन्द्र ग्रहण
जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा की ऐसी खगोलीय स्थिति बनती है कि तीनो एक ही सीध में हो तब पृथ्वी की छाया चन्द्रमा में पड़ती है, इसे ही चन्द्र ग्रहण कहते है. चन्द्र ग्रहण में चन्द्रमा का आकार और अवधि उसकी स्थिति पर निर्भर करता है. चन्द्र ग्रहण शुरू होने के बाद पहले तो यह काला दिखाई देता है, लेकिन बाद में यह धीरे धीरे लाल रंग का हो जाता है. माना जा रहा है कि चन्द्र ग्रहण के दौरान पूरा आकाश लाल रंग का चमक उठेगा और इस पूरी प्रक्रिया को नासा ने मोस्ट डैजलिंग शो यानी सबसे चमकदार शो का नाम दिया है.