Navratri 2023: मां आदिशक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि की शुरुआत श्राद्ध पक्ष समाप्ति के तुरंत बाद से हो जाएगी. नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व में भक्त पूरी श्रद्धा से मां की पूजा-अर्चना में लगे रहेंगे.
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Navaratri in 2023: साल में 4 बार नवरात्रि की पर्व मनाया जाता है. इनमें से दो नवरात्रि मुख्य होती हैं, जिनको चैत्र और शारदीय नवरात्रि के नाम से लोग जानते हैं. इसके साथ ही 2 गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. अभी पितृ पक्ष चल रहे हैं, जो 14 अक्टूबर तक चलेंगे. इसके बाद 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी. वहीं, दशहरे का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. 9 दिन तक चलने वाले इस पर्व में लोग मां की भक्ति में डूबे रहते हैं. नवरात्रि के पहले दिन घर में कलश स्थापना की जाती है, जिसको घटस्थापना भी कहते हैं.
घटस्थापना मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन किए जाने वाला घटस्थापना महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. ऐसे में सही समय पर घटस्थापना करना काफी जरूरी होता है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से होने जा रही है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को दिन में 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. यानी इस बार कलश स्थापना के लिए करीब 44 मिनट का समय मिलेगा. वहीं, एक बात का ध्यान रखें कि अमावस्या और रात के समय गलती से भी घटस्थापना ना करें.
पूजा सामग्री
घटस्थापना के लिए कुछ पूजन सामग्री चाहिए. साफ मिट्टी और मिट्टी का बर्तन सप्त धान्य के लिए. 7 अलग-अग तरह के अनाज, छोटा मिट्टी या पीतल का घड़ा, गंगा जल, कलावा, इत्र, सुपारी, कलश में रखने के लिए सिक्का और ढकने के लिए ढक्कन, आम या अशोक के 5 पत्ते, अक्षत, बिना छिला नारियल, लाल कपड़ा, गेंदे के फूल और दूर्वा घास.
विधि
मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डालकर इसमें अनाज डालें. इस तरह से तीन परत बनाएं. इसके बाद थोड़ा पानी डालें. कलश में गंगाजल भरकर, उसमें कलावा बांध लें. इस पानी में सुपारी, अक्षत और सिक्का डालें. अब आम या अशोक के 5 पत्तों को कलश के किनारे पर रखें. अब नारियल पर लाल कपड़ा बांधकर कलश पर रख दें और इस पर कलावा लपेट दें. मां दुर्गा की प्रार्थना कर कलश को 9 दिन के लिए उनकी प्रतिमा या तस्वीरे के आगे रख दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)