नासा के आंकड़ों ने दिखाया, बारिश के पानी से भारतीय बचा सकते हैं पैसा
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नासा के आंकड़ों ने दिखाया, बारिश के पानी से भारतीय बचा सकते हैं पैसा

भारत में सब्जियों की सिंचाई के लिए संग्रहित रेनवाटर पानी के बिल को घटा सकता है, कैलोरी की मात्रा में इजाफा कर सकता है और यहां तक कि आमदनी का दूसरा जरिया हो सकता है। नासा के उपग्रह के आंकड़ों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने यह बात कही है।

नासा के आंकड़ों ने दिखाया, बारिश के पानी से भारतीय बचा सकते हैं पैसा

वाशिंगटन: भारत में सब्जियों की सिंचाई के लिए संग्रहित रेनवाटर पानी के बिल को घटा सकता है, कैलोरी की मात्रा में इजाफा कर सकता है और यहां तक कि आमदनी का दूसरा जरिया हो सकता है। नासा के उपग्रह के आंकड़ों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने यह बात कही है।

अध्ययन नासा और जापान अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी के बीच का संयुक्त अभियान उष्णकटिबंधीय वर्षाजल आकलन मिशन (टीआरएमएम) के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें 1997 और 2015 के बीच उष्णकटिबंध और उपउष्णकटिबंध क्षेत्र में वर्षाजल का आकलन किया गया है।

यूटा यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में अध्ययन सहायक डेन स्टोउट ने बताया, ‘भारत को अपने सभी बाशिंदो को पीने योग्य पानी मुहैया कराने में दिक्कतें आती है। हमने अपेक्षाकृत छोटे टैंक में जल संग्रह पर विचार किया और रोचक है कि भारतीय लोग सरल और सहज तरीके से यह कर सकते हैं।’ वर्षाजल संचय कोई नयी अवधारणा नहीं है लेकिन अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि भारत में इस संसाधन का ज्यादा दोहन नहीं हुआ है।

नये अध्ययन में टीम ने इस सभावना को खंगाला कि क्या भारतीय सस्ते 200 गैलन टैंक को सघन शहरी इलाकों में-मसलन भारत के तेजी से बढ़ रहे शहरों में लगा सकते हैं। अर्बन वाटर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि इससे भारत में पैसा बचाने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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