नासा के रॉकेट तैयार करेंगे चमकने वाले आर्टिफिशियल बादल
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नासा के रॉकेट तैयार करेंगे चमकने वाले आर्टिफिशियल बादल

आइनोस्फीयर में होने वाली घटनाओं का अध्ययन न्यूट्रल डायनामो मिशन करेगा. ये विक्षोभ सूरज डूबने के बाद आईनोस्फीयर में एफ क्षेत्र के नाम से पहचाने जाने वाले एक हिस्से में घटित होते हैं. 

नासा का एक रॉकेट अभियान सफेद कृत्रिम बादल बनाएगा जो रात में आकाश में चमकेंगे.

वॉशिंगटन: नासा का एक रॉकेट अभियान सफेद कृत्रिम बादल बनाएगा जो रात में आकाश में चमकेंगे. इसके जरिए ऊपरी वायुमंडल में विक्षोभ का अध्ययन किया जाएगा जो संचार एवं तकनीकी प्रणालियों को बाधित करते हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने कहा कि ये कृत्रिम बादल रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड के निवासियों को दो रॉकेट फ्लाइट के दौरान 29 अगस्त और नौ सितंबर को दिखेंगे.

न्यूट्रल डायनामो मिशन

आइनोस्फीयर में होने वाली घटनाओं का अध्ययन न्यूट्रल डायनामो मिशन करेगा. ये विक्षोभ सूरज डूबने के बाद आईनोस्फीयर में एफ क्षेत्र के नाम से पहचाने जाने वाले एक हिस्से में घटित होते हैं. ये रेडियो संचार, नौवहन और इमेजिंग प्रणालियों को बाधित करते हैं और इस तरह तकनीक के लिए तथा उस पर निर्भर समाज के लिए खतरा पैदा करते हैं. एक रॉकेट में ट्राई मिथाईल एल्युमिनियम नाम का पदार्थ होगा जो कृत्रिम सफेद बादल बनाएगा.

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