Self Cleaning Paint: इटली और ऑस्ट्रिया की संयुक्त रिसर्च टीम ने ऐसा दीवार पेंट बनाया है जो अपने आप सफाई कर लेता है. इसके लिए पेंट में खास तरह के टाइटेनियम ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स मिलाने की जरूरत होगी.
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Self Cleaning Wall Paint: अपने घर को खूबसूरत बनाने के लिए हम दीवारों पर महंगे-महंगे पेंट लगाते हैं. हालांकि, कुछ वक्त के बाद पेंट की रंगत फीकी पड़ने लगती है. हवा में मौजूद तमाम कण पेंट की सतह पर चिपकने लगते हैं. नतीजा, आपको फिर से दीवारों की पुताई करनी पड़ती है. अब शायद आपको बार-बार इस परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा. वैज्ञानिकों ने ऐसे नैनोपार्टिकल्स डेवलप किए हैं जिन्हें किसी भी पेंट में मिलाया जा सकता है. ये नैनोपार्टिकल्स न सिर्फ पेंट के रंग को बरकरार रखते हैं, बल्कि उसे खुद-ब-खुद सफाई करने की क्षमता भी देते हैं. ये नैनोपार्टिकल्स फोटोकैटालिटिकली एक्टिव हैं. मतलब ये सूरज की रोशनी का इस्तेमाल कर हवा में मौजूद कणों को बांध सकते हैं और उन्हें डीकंपोज होने से भी रोकते हैं. टाइटेनियम ऑक्साइड के ये नैनोपार्टिकल्स इटली और ऑस्ट्रिया के रिसर्चर्स ने तैयार किए हैं. जिन दीवारों में नैनोपार्टिकल्स वाला पेंट लगा होगा, वे हवा तो साफ करेंगी ही, खुद को भी साफ करती रहेंगी.
हवा में तमाम तरह के प्रदूषणकारी तत्व घुले होते हैं. साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर्स के अवशेष हों या कुकिंग के दौरान निकलने वाले अणु या चमड़े से निकले वाले मैटेरियल्स... इन सबसे दीवार पेंट की सेहत बिगड़ती है. कुछ मामलों में इनसे सेहत को भी खतरा हो सकता है. वियना इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (TU Wien) में मैटेरियल्स केमिस्ट्री के प्रोफेसर गुंथर रुप्प्रेचर कहते हैं, 'हवा साफ करने के लिए लोग सालों से कस्टमाइज्ड वॉल पेंट यूज करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए, टाइटेनियम ऑक्साइड के नैनोपार्टिकल्स दिलचस्प हैं. वे बड़े पैमाने पर प्रदूषकों को बांध और तोड़ सकते हैं.' लेकिन पेंट में सीधे टाइटेनियम ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स मिलाना उसकी लाइफ को प्रभावित करता है.
घर की दीवारों को पेंट कराते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर अल्ट्रावायलेट किरणें पड़ती रहें तो नैनोपार्टिकल्स खुद को साफ कर सकते हैं. टाइटेनियम ऑक्साइड ऐसा मैटेरियल है जो पर्याप्त रोशनी में केमिकल रिएक्शन कराता है. UV रेडिएशन से इसके कणों में फ्री चार्ज पैदा होता है जो हवा में फंसे प्रदूषकों का छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है. जिससे प्रदूषक नुकसानरहित हो जाते हैं, लेकिन दीवार के पेंट से स्थायी रूप से जुड़े नहीं रहते. यानी दीवार का रंग लंबे समय तक बना रहता है.
रिसर्च टीम ने मॉडिफाइड टाइटेनियम ऑक्साइड के नैनोपार्टिकल्स को बाजार में उपलब्ध सामान्य पेंट में मिलाया. फिर पेंट की गई सतह को प्रदूषकों वाले घोल से धोया. रिसर्चर्स ने पाया कि 96% प्रदूषक सूर्य की प्राकृतिक रोशनी से नष्ट हो सकते हैं. रंग अपने आप नहीं बदलता है क्योंकि प्रदूषक न केवल बंधे होते हैं, बल्कि सूर्य की रोशनी की मदद से टूट भी जाते हैं. इस नए तरह के वॉल पेंट के कई फायदे हैं. यह हवा से प्रदूषकों को हटाता है. अन्य पेंट की तुलना में ज्यादा वक्त तक चलता है. चूंकि इसे रिसाइकल्स मैटेरियल्स से हासिल किया जा सकता है, इसलिए संसाधनों की बचत भी होती है.