सौर मंडल में 10 साल बाद सोमवार को एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटी। पूरी दुनिया इस अद्भुत खगोलीय घटना की गवाह बनी और लोगों ने देखा कि कैसे बुध ग्रह सूरज और पृथ्वी के बीचों बीच आ कर दोनों के बीच से पार निकल गया। बुध पारगमन की यह खगोलीय घटना शाम 4 बजकर 40 मिनट से शुरू हुई। पिछली बार ऐसा नजारा 6 नवंबर 2006 को दिखाई दिया था।
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नई दिल्ली: सौर मंडल में 10 साल बाद सोमवार को एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटी। पूरी दुनिया इस अद्भुत खगोलीय घटना की गवाह बनी और लोगों ने देखा कि कैसे बुध ग्रह सूरज और पृथ्वी के बीचों बीच आ कर दोनों के बीच से पार निकल गया। बुध पारगमन की यह खगोलीय घटना शाम 4 बजकर 40 मिनट से शुरू हुई। पिछली बार ऐसा नजारा 6 नवंबर 2006 को दिखाई दिया था।
इस अद्भुत नजारे में ऐसा लगा कि किसी ने सूर्य पर एक काला टीका लगा दिया है।
No solar telescope? No problem! #SDO has you covered for the latest pics of #MercuryTransit, like this from 8:11 am! pic.twitter.com/bnxhE5YrYs
— NASASunEarth (@NASASunEarth) May 9, 2016
बुध ग्रह की विशेषता बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। ये सूर्य के ठीक पहले का ग्रह है लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा गर्म नहीं है। बुध ग्रह का नाम रोमन देवी मरकरी के नाम पर रखा गया। बुध ग्रह 50 किमी प्रति सेकेंड की गति से सूर्य के चारों ओर 88 दिनों में एक चक्कर लगाता है। बुध ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के 175.97 दिनों के बराबर होता है। बुध ग्रह का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का 38 प्रतिशत है। बुध ग्रह की सतह से सूर्य पृथ्वी पर से दिखने वाले सूर्य का तीन गुना बड़ा दिखाई देता है।