अगर आप चार अप्रैल को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण को निहारने के लिये भारत में माकूल जगह की तलाश में हैं, तो देश के पूर्वोत्तर हिस्से का रख कर सकते हैं जहां सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की इस लुकाछिपी का शानदार नजारा दिखने की उम्मीद है।
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इन्दौर: अगर आप चार अप्रैल को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण को निहारने के लिये भारत में माकूल जगह की तलाश में हैं, तो देश के पूर्वोत्तर हिस्से का रख कर सकते हैं जहां सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की इस लुकाछिपी का शानदार नजारा दिखने की उम्मीद है।
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरूआत भारतीय मानक समय के मुताबिक दोपहर 03:45:04 बजे होगी और यह शाम 07:15:2 बजे खत्म हो जायेगा। इस तरह सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ की रोमांचक भूमिका वाला खगोलीय घटनाक्रम तकरीबन साढ़े तीन घंटे तक चलेगा।
कोई दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने अपनी गणना के हवाले से बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण शाम 05:30:30 बजे अपने चरम स्तर पर पहुंचेगा, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढंका नजर आयेगा। उन्होंने बताया कि भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण का सबसे अच्छा नजारा पूर्वोत्तर हिस्से में नजर आने की उम्मीद है, जहां देश के दूसरे इलाकों के मुकाबले चंद्रोदय जल्दी होता है। पूर्ण चंद्रग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। परिक्रमारत चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिप जाता है और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है।