'श्रीलंका के इस खिलाड़ी को 2011 के विश्व कप में मिली हार का अब दुख नहीं होता'
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'श्रीलंका के इस खिलाड़ी को 2011 के विश्व कप में मिली हार का अब दुख नहीं होता'

छह साल पहले इसी दिन कुमार संगकारा की अगुवाई वाली श्रीलंकाई टीम वानखेड़े स्टेडियम में आईसीसी विश्व कप फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी की टीम से हार गई थी और इस मैच के एकमात्र शतकवीर महेला जयवर्धने ने स्वीकार किया कि उस समय मिली इस हार से दुख होता है.

विश्व कप फाइनल में भारत से मिली हार से दुख होता है : जयवर्धने

मुंबई : छह साल पहले इसी दिन कुमार संगकारा की अगुवाई वाली श्रीलंकाई टीम वानखेड़े स्टेडियम में आईसीसी विश्व कप फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी की टीम से हार गई थी और इस मैच के एकमात्र शतकवीर महेला जयवर्धने ने स्वीकार किया कि उस समय मिली इस हार से दुख होता है.

ये भी पढ़ें- VIDEO : धोनी का शानदार 'छक्का' और 28 साल बाद भारत ने जीता वर्ल्ड कप

जयवर्धने अब आईपीएल 10 में मुंबई इंडियंस के कोच हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह याद ही नहीं होता, लेकिन सुबह तब मैंने अपना ट्विटर अकाउंट खोला तब मुझे याद आया. विश्व कप फाइनल का हिस्सा होना हमेशा ही शानदार होता है और वानखेड़े स्टेडियम में चिल्ला रहे 50,000 लोगों के सामने खेलने उतरने की अच्छी यादें हैं.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘उस दिन भारतीय टीम ने बाजी मारी लेकिन यह छह साल पहले हुआ था और यह बीती बात हो गई है. जिंदगी में काफी चीजें दुखी करती हैं. मैंने आईसीसी टूर्नामेंट के पांच फाइनल्स में से चार गंवाएं हैं. हम जिंदगी में इस तरह की घटनाओं से सीख लेते हैं और जीवन में आगे बढ़ते हैं. उस समय इससे दुख हुआ था, लेकिन इसके बाद फिर यह एक अन्य मैच की तरह हो गया. ’’ 

श्रीलंका ने तब उनके शतक की मदद से छह विकेट पर 274 रन बनाए थे, लेकिन धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेलकर भारत को खिताब दिलाया था. 

बता दें कि भारतीय क्रिकेट के लिए 2 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक है, जिसकी यादें अब भी भारत के हर क्रिकेट प्रेमी के जेहन में ताजा है. इसी दिन 2011 को भारत ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था. इस दिन को याद कर भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों ने भी अपनी भावनाएं जाहिर की हैं.

सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया- जैसे मैं हमेशा कहता हूं. अपने सपने का पीछा करो, क्योंकि सपने सच होते हैं. वर्ल्ड कप जीतना मेरे जीवन के उन क्षणों में से एक था जब ऐसा हुआ-

सहवाग ने भी ट्वीट किया.

मोहम्मद कैफ

आकाश चोपड़ा

रविचंद्रन अश्विन

सुरेश रैना

विकेट कीपर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने फाइनल में विकेट कीपर कप्तान कुमार संगकारा के नेतृत्व वाली श्रीलंका की टीम को 6 विकेट से पराजित कर 28 सालों के बाद दूसरी बार आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2011 जीत लिया.

जब मैच जीतने के लिए 11 गेंदों पर 4 रन की दरकार थी, धोनी ने वही किया जो वे बखूबी करते रहे हैं. उन्होंने नुवान कुलसेकरा की गेंद को लांग ऑन के ऊपर से एक शानदार छक्के के लिए खेल दिया. भारत ने लंका को 6 विकेटों से मात दे दी. 28 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर भारत ने वर्ल्ड कप अपने नाम किया. 

मैन ऑफ द मैच बने धोनी

मैन ऑफ द मैच महेंद्र सिंह धोनी नाबाद 91 रन बनाए. युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया. युवराज ने क्रिकेट विश्व कप 2011 के नौ मैचों में  362 रन बनाए जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक भी शामिल है. इन्होंने 15 विकेट भी लिए. विश्व क्रिकेट के इतिहास में भारत और श्रीलंका दोनों के लिए यह तीसरा फ़ाइनल मैच था. इसके पहले भारत वर्ष 1983 में और वर्ष 2003 में फाइनल में पहुंचा था.

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