कोच कोन्सटेनटाइन को हटाने की जरूरत नहीं; एआईएफएफ महासचिव
Advertisement
trendingNow1351098

कोच कोन्सटेनटाइन को हटाने की जरूरत नहीं; एआईएफएफ महासचिव

एआईएफएफ के महासचिव कुशाल दास ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय कोच स्टीफन कोन्सटेनटाइन का बढ़िया है इसलिए उनके पद से नहीं हटाया जाएगा.

 राष्ट्रीय कोच स्टीफन कोन्सटेनटाइन  की टीम इंडिया पिछले 11 मैचों से अपराजेय है. (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशाल दास ने सोमवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय कोच स्टीफन कोन्सटेनटाइन को उनके पद से नहीं हटाया जाएगा. इस बीच इस तरह की अटकलें हैं कि कुछ सीनियर खिलाड़ी उन्हें बाहर करवाने की योजना बना रहे हैं. इस तरह की खबरें हैं कि कुछ सीनियर खिलाड़ियों का मानना है कि कोन्सटेनटाइन तकनीकी रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि टीम को कोचिंग दे सके.

  1. अटकलें हैं कि कुछ खिलाड़ी कोच को बाहर करवाने की योजना बना रहे हैं
  2.  कोच के मार्गदर्शन में टीम ने हाल के समय में लगातार अच्छे नतीजे आए हैं
  3. कोच कोन्सटेनटाइन के रहते भारतीय टीम पिछले 11 मैचों से अजेय है

हालांकि दास ने कहा कि कोच को हटाने का सवाल ही नहीं उठता जिनके मार्गदर्शन में टीम ने हाल के समय में लगातार अच्छे नतीजे देकर 2019 एशिया कप के लिए क्वालीफाई किया. दास ने पीटीआई से कहा, ‘‘वह कोच के रूप में मौजूद हैं, वह शानदार काम कर रहे हैं और काफी प्रभावशाली नतीजे दिए हैं. इसलिए कोई सवाल ही नहीं उठता.’’

यह भी पढ़ें : VIDEO : 60 साल में पहली बार ये देश नहीं खेलेगा वर्ल्डकप, फूट फूटकर रोए खिलाड़ी

प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो कोन्सटेनटाइन को टीम के साथ जुड़े रहने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने 2011 के बाद पहली बार एशिया कप के लिए क्वालीफाई किया जो 2019 में होगा.

कोन्सटेनटाइन फरवरी 2016 में भारतीय टीम से जुड़े जब उसकी फीफा रैंकिंग 173 थी और उसे 20 साल से अधिक समय में पहली बार शीर्ष 100 में जगह दिलाने में मदद की. भारतीय टीम पिछले 11 मैचों से अजेय है.

यह भी पढ़ें : आईएसएल -4 : जानिए क्या उम्मीदें है कोचों को अपनी टीम से?

पिछले शनिवार को उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए एआईएफएफ की चयनित समितियों को नियमित तौर पर काम करने की स्वीकृति दी थी.
प्रफुल्ल पटेल को भी महासंघ के अध्यक्ष की अपनी भूमिका को जारी रखने की स्वीकृति मिली थी. उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि उन्हें हमेशा से ही देश की शीर्ष अदालत से स्टे का आदेश मिलने का भरोसा था.

एआईएफएफ के संविधान को खेल संहिता के अनुरूप बनाने के बारे में पूछने पर दास ने कहा, ‘‘खेल संहिता के अनुरूप बनने के लिए एआईएफएफ के संविधान में जरूरी बदलाव करना मुश्किल काम नहीं है क्योंकि बदलाव मामूली हैं. एआईएफएफ के संविधान के अनुसार पांच प्रस्तावकों की जरूरत है जबकि खेल संहिता के तहत केवल दो की ही जरूरत है.’’

(इनपुट भाषा)

Trending news