भारत के खिलाफ मैच में हारी हुई बाजी पलट कर अफगानिस्तान ने मैच को टाई करा दिया था. इससे पहले श्रीलंका को 91 और बांग्लादेश को 136 रन के बड़े अंतर से हराया था.
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नई दिल्ली: एशिया कप से पहले अफगानिस्तान के कप्तान असगर अफगान ने अपने टीम को चेताते हुए कहा था कि हम एशिया कप में सिर्फ मैच खेलने नहीं खेलने जा रहे बल्कि कुछ हासिल करने जा रहे हैं. बेशक अफगानिस्तानी टीम एशिया कप के फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई लेकिन उसने इस बात का इशारा जरूर कर दिया है कि 2019 के विश्व कप के लिए अफगानिस्तान से दूसरी टीमों को सावधान रहना होगा.
भारत के खिलाफ मैच में हारी हुई बाजी पलट कर अफगानिस्तान ने मैच को टाई करा दिया था. उन्होंने इस मैच में दिखाया कि उनकी टीम का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है. अफगानिस्तान ने सुपर 4 के मैचों में श्रीलंका को 91 और बांग्लादेश को 136 रन के बड़े अंतर से हराया था. पाकिस्तान से वह मामूली अंतर से हारे थे और बांग्लादेश से तीन रन से उन्हें हार मिली थी. ये दोनों ही मैच अंतिम ओवर में खत्म हुए.
अफगानिस्तान की परफॉर्मेंस ने 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप के लिए दूसरी टीमों को यह चुनौती दे दी है कि वे अफगानिस्तान को हल्के में नहीं ले सकते. कप्तान असगर ने भी कहा, ''हम खुद को कूल बनाए रख सकते हैं और बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं. याद रखिए एशिया कप में हमारा प्रदर्शन विश्व कप के लिए चेतावनी है.''
अफगानिस्तान का क्रिकेट में उदय किसी परीकथा की तरह ही है. 1978 में रूस के उनके देश में घुसपैठ करने के बाद लाखों लोगों को शरणार्थी कैंपों में रहना पड़ा था. ये कैंप पाकिस्तान की सीमा पर बने थे और यहीं पाकिस्तान में उन्होंने क्रिकेट का ककहरा पढ़ा. एक बार खेल को सीखने के बाद 2009 से अफगानिस्तान लगातार क्रिकेट में आगे बढ़ रहा है. एक साल बाद ही अफगानिस्तान ने टी-20 वर्ल्ड कप में शिरकत की और 2015 में पहला विश्व कप खेला. जूनियर वर्ल्ड कप में, न्यूजीलैंड में अफगानिस्तान की टीम सेमीफाइनल तक पहुंची. मलेशिया में उन्होंने जूनियर एशिया कप जीता. इसमें भारत और पाकिस्तान की टीमें भी थीं.
कप्तान असगर को पूरा विश्वास है कि उनकी टीम बड़ी टीमों को हरा पाने में सफल होगी. उन्होंने कहा, ''मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि हम बड़ी टीमों के स्तर का क्रिकेट खेलने लगें.'' असगर का पहला मुख्य टूर्नामेंट 2010 में कैरेबियन में टी-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप था, लेकिन असगर यह भी कहते हैं कि अंत में जीत ही मैटर करती है. बड़े टूर्नामेंट्स में अफगानिस्तान की भागीदारी ने उन्हें बड़ी टीमों के साथ खेलने का अनुभव दिया है. आज उनके पास राशिद खान जैसा सुपरस्टार क्रिकेटर है. उन्होंने केवल 44 मैचों में 100 वन-डे विकेट लिए हैं.
इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में 21 विकेट लेकर वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. असगर कहते हैं, ''मुझे लगता है लीग मैच खेलना खिलाड़ियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस साल कोच के रूप में उन्होंने वेस्टइंडीज के फिल सिमंस का साथ मिला है. एशिया कप में उनकी टीम का स्कोर 249, 255, 257, 246 और 252 रहा है. इससे पता चलता है कि उनकी बल्लेबाजी लगातार बेहतर हो रही है.''
असगर कहते हैं, ''जब बात एशिया कप की हो तो यह प्रदर्शन ठीक लगता है लेकिन विश्व कप के लिए हमें और सुधार करना होगा.'' महेंद्र सिंह धोनी ने भी कहा कि अफगानिस्तान की टीम में गजब का सुधार है. यदि ये टीम इसी तरह खेलती रही तो इसमें कोई शक नहीं है कि विश्व कप में यह टीम शानदार प्रदर्शन कर सकती है.