VIDEO: जिस वनडे में गावस्कर ने जमाया पहला शतक, उस मैच में रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया ये गेंदबाज
Advertisement

VIDEO: जिस वनडे में गावस्कर ने जमाया पहला शतक, उस मैच में रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया ये गेंदबाज

क्रिकेट में 'मैन ऑफ द मैच'  बहुत कम शेयर किया जाता है, लेकिन हैट्रिक लेने के कारण चेतन शर्मा को सुनील गावस्कर के साथ 'मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड' शेयर करना पड़ा था. 

 चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के ऑल राउंडर रहे हैं (File Photo)

नई दिल्ली: 3 जनवरी 1966 में जन्मे चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के ऑल राउंडर रहे हैं. उन्होंने भारत के लिए 23 टेस्ट और 65 वनडे खेले. लेकिन आप किसी भी क्रिकेट फैन से पूछ लीजिए तो चेतन शर्मा को क्रिकेट इतिहास में सिर्फ दो चीजों के लिए याद किया जाता है. एक अच्छी और दूसरी बुरी. उनके क्रिकेट करियर में पहला वाकया तब हुआ जब 1986 में ऑस्ट्रेलिया एशिया कप का फाइनल शारजाह में खेला जा रहा था. भारत-पाक दोनों आमने सामने थे. भारत ने पाकिस्तान को 246 रनों का लक्ष्य दिया. इस रोमांचक मैच में पाकिस्तानन को जीत के लिए आखिरी गेंद पर चार रन बनाने थे. गेंदबाज थे चेतन शर्मा. 

  1. चेतन शर्मा को क्रिकेट इतिहास में सिर्फ दो चीजों के लिए याद किया जाता है
  2. ऑस्ट्रेलिया एशिया कप में उनकी आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का मारा था
  3. 1987 के विश्व कप में चेतन शर्मा हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज थे

जावेद मियांदाद ने चेतन की गेंद पर शानदार छक्का लगाकर अपनी टीम को जीत दिला दी. जावेद ने इस छक्के का जिक्र अपनी आत्मकथा में करते हुए लिखा, मैं जानता था कि चेतन यॉर्कर फेंकने की कोशिश करेंगे, इसलिए मैं पहले ही क्रीज से बाहर आ गया और गेंद को फुलटॉस बनाकर उसे सीमा के बाहर कर दिया. चेतन शर्मा इस छक्के को शायद ही कभी भूल पाएंगे. लेकिन क्रिकेट उतार चढ़ाव का खेल है. 

चेतन शर्मा ने एक साल बाद ही शायद इस छक्के को भुलाने के लिए शानदार गेंदबाजी की. 1987 के विश्व कप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे मैच में चेतन ने शानदार हैट्रिक ली. उन्होंने केन रदरफोर्ड, ईयान स्मिथ और चेटफील्ड को आउट किया. इस उपलब्धि के साथ ही चेतन शर्मा हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले ऐसे गेंदबाज बन गए. वह विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज थे. उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनके करियर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें: 

1. देश प्रेम आजाद थे उनके कोच: चंडीगढ़ में प्रसिद्ध कोच देश प्रेम आजाद चेतन शर्मा के कोच रहे. आजाद कपिल देव और योगराज सिंह के भी कोच रहे.

2. बहुत छोटी उम्र में डेब्यूः चेतन शर्मा सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों में रहे. 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 17 साल की उम्र में डेब्यू किया. 18 साल की उम्र में उन्होंने टेस्ट डेब्यू किया था.

3. यशपाल शर्मा के भतीजे: चेतन शर्मा पूर्व भारतीय बल्लेबाज यशपाल शर्मा के भतीजे हैं. चाचा भतीजा दोनों ने एक साथ 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ दो वन डे भी खेले. इस मैच में यशपाल ने चेतन की गेंद पर ग्राम फ्लोवर को कैच आउट किया था. 

4. केवल फाइनल खेले: चेतन शर्मा बेनसन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज, 1985 में टीम इंडिया का हिस्सा थे. उन्होंने केवल फाइनल मैच खेला जिसमें उन्होंने 7अोवरों मंे केवल 17रन देकर एक विकेट लिया. उन्होंने रमीज राजा को आउट किया था. 

5. गलत कारणों से यादगार बने: उच्च स्तर पर कुछ यादगार पलों के बावजूद चेतन शर्मा को जावेद मियांदाद द्वारा अंतिम गेंद पर लगाये गए छक्के के लिए याद किया जाता है. 1986 के ऑस्ट्रेलिया एशिया कप फाइनल में जावेद ने चेतन की आखिरी गेंद पर छक्का मारकर पाकिस्तान को जीत दिलाई थी. 

भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों के लिए 18 अप्रैल का दिन बेहद ही अहम है. इस तारीख को जावेद मियांदाद के छक्के और चेतन शर्मा के फुलटॉस के लिए याद किया जाता रहा है. मैच जीतने के लिए पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर चार रन की जरूरत थी. गेंद चेतन शर्मा के हाथों में थी और सामने क्रीज पर मियांदाद. शर्मा ने यॉर्कर लेंथ गेंद डालने की कोशिश की पर यह फुलटॉस चली गई और मियांदाद मौका नहीं चूके. उन्होंने गेंद को 6 रनों के लिए बाउंड्री पार पहुंचा दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान ने किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार भारत को हरा दिया.

6. छक्के का जवाब: 1986 में जावेद मियांदाद से छक्का खाने के बाद चेतन इंग्लैंड दौरे पर वापसी की. उन्होंने पहली पारी में 64 रन देकर इंग्लैंड के 5 बल्लेबाजों को आउट किया और लॉर्ड्स में टीम को जीत दिलाई. बाद में बर्मिंघम में उन्होंने दस विकेट लिए. यह उनके लिए यादगार दौरा था, जिसमें उन्होंने दो टेस्ट में 16 विकेट लिए थे. 

7. पहली हैट्रिक: 1987 के वर्ल्ड कप में नागपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ चेतन शर्मा ने हैट्रिक लेने का करिश्मा किया. हैट्रिक लेने वाले वह पहले भारतीय बने. 31 अक्टूबर 1987 के दिन भारत के तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने क्रिकेट विश्वकप की पहली हैट्रिक ली थी. अपने घातक कटर्स और सीमर्स के दम पर चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवेन चैटफील्ड को अपने छठे ओवर की आखिरी तीन गेदों पर आउट कर भारत को गर्व करने का मौका दिया था. भारत ने इस मैच में 9 विकेट से जीत दर्ज की थी.

चेतन शर्मा के ओवर की चौथी गेंद को रदरफोर्ड ठीक से भांप नहीं सके जो एक आॅफ कटर थी. गेंद रदर फोर्ड के बल्ले और पैड के बीच से निकली हुई उनका मिडल स्टंप ले उड़ी. रदरफोर्ड के बाद बल्लेबाजी करने उतरे स्मिथ भी चेतन शर्मा के पैने ऑफ कटर को नहीं भांप सके और गेंद उनका आफॅ स्टम्प उखाड़ ले गई. स्मिथ के बाद चैटफील्ड बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर उतरे. शर्मा की हैट्रिक बाल को टालने के लिए उन्होंने गॉर्ड लिया. चेतन शर्मा ने चैटफील्ड को फुल लेंथ बॉल की थी और उन्होंने डाउन द विकेट आकर खेलने की कोशिश की, गेंद चैटफील्ड को चकमा देते हुए उनके सटम्प में जा लगी और चेतन शर्मा के साथ पूरा स्टेडियम खुशी के जश्न में डूब चुका था.

8. मैन ऑफ  मैच अवॉर्ड शेयर किया: क्रिकेट में 'मैन ऑफ द मैच'  बहुत कम शेयर किया जाता है, लेकिन हैट्रिक लेने के कारण चेतन शर्मा को सुनील गावस्कर के साथ 'मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड' शेयर करना पड़ा था. गावस्कर ने इस मैच में रनों का पीछा करते हुए शतक बनाया था. यह गावस्कर के वनडे करियर का पहला शतक था. 

9. जब चेतन ने लगाया शतक: 1989 में नेहरू कप के एक मैच में चेतन शर्मा को चौथे नंबर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. भारत 156 रनों का पीछा कर रहा था. चेतन ने 96 गेंदों में 101 रनों की शानदार पारी खेली. दिलचस्प रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह उनका पहला पचास से अधिक का स्कोर था. 

10. करियर का अचानक हुआ अंत: चेतन शर्मा ने नेहरू कप में शतक के बाद कुछ मैच खेले, लेकिन उन्हें अगला मैच खेलने के लिए 1992 तक इंतजार करना पड़ा. जब टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जा रही थी. इसके बाद 1994 में उन्होंने कुछ और वनडे मैच खेले, लेकिन 1989 में खेला गया उनका टेस्ट ही आखिरी टेस्ट साबित हुआ. उनका करियर 23 साल की उम्र में ही खत्म हो गया. संन्यास के बाद वह क्रिकेट एक्सपर्ट के रूप में टेलीविजन पर नजर आने लगे. 

11. वर्ल्ड 11: 80के दशक में चेतन शर्मा ने वर्ल्ड 11 के लिए इंग्लैंड में भी कुछ मैच खेले. वह रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड में डीन जोन्स, जावेद मियांदाद, क्लाइव लायड, लान्स केन्र्स और मार्क ग्रेटबैच के साथ खेले. एम पार्किन्सन 11 में वह इमरान खान, माइकल होल्डिंग, कर्टली वाल्श और मार्टिन क्रो के साथ खेले. 

12. बंगाल जाना: चेतन शर्मा ने अपने करियर के अधिकांश मैच हरियाणा की तरफ से खेले. अपने करियर के अंतिम दौर में वह बंगाल चले गए और अपना अंतिम मैच 1996  में बंगाल के लिए खेला. 

Trending news