25 अप्रैल को जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम पर अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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नई दिल्ली : क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी ने एक अजीबोगरीब घटनाक्रम में बुधवार को एक ऐसे ट्वीट को रिट्वीट कर दिया, जिसका क्रिकेट से कोई वास्ता नहीं था. दरअसल आईसीसी अपने ऑफिशियल अकाउंट पर क्रिकेट से जुड़ी तमाम गतिविधियों की जानकारी देता रहता है. लेकिन बुधवार को उसने एक दूसरा ही ट्वीट रीट्वीट कर दिया. 25 अप्रैल को जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम पर अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
इस सजा पर एक ट्विटर अकाउंट पर प्रधानमंत्री मोदी और आसाराम का एक पुराना वीडियो शेयर किया गया. इसे आईसीसी ने 'नारायण नारायण' लिखते हुए शेयर कर दिया. इसके बाद इस पर एक के बाद एक तेजी से रिएक्शन आने लगे. जैसे ही आईसीसी को इसका अहसास हुआ, उसने अपने अकाउंट से इस ट्वीट को डिलीट कर दिया. लेकिन तब तक लोग इसके स्क्रीन शॉट्स ले चुके थे.
आईसीसी ने इस घटनाक्रम पर माफी मांगते हुए लिखा...'आईसीसी के अकाउंट पर इस तरह के नॉन क्रिकेटिंग ट्वीट के आने से हम बहुत निराश हैं. इस मामले में हम माफी चाहते हैं. ये बहुत कम समय के लिए था. इसके लिए हम जांच करेंगे कि ये सब हुआ कैसे.'
ICC is dismayed at a non-cricket related tweet appearing on its Twitter feed earlier today. We would like to extend our sincere apologies to anyone who was offended during the short space of time it was up. We have launched an investigation into how this happened.
— ICC (@ICC) April 25, 2018
इससे पहले आईसीसी के अकाउंट से इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए इस पर कमेंट भी लिख दिया गया था. जैसे ही इस पर बवाल मचा. आईसीसी ने पूरे मुद्दे पर माफी मांग ली. आईसीसी के ट्वीट पर कई यूजर्स ने इस क्रिकेट संस्था की जमकर खबर ली.
@ICC since when you got interested in Indian politics?
— Madhav Desai (@Madhav_Desaii) April 25, 2018
What the hell was this @ICC?? pic.twitter.com/tMLbzmkexf
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) April 25, 2018
Hey @ICC, will you be contesting the upcoming #Indian elections? https://t.co/enjpsnRRTp
— Bhuvan Bagga (@Bhuvanbagga) April 25, 2018
आसाराम को आजीवन कैद की सजा...
जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी एससी/एसटी विशेष अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं, अन्य दोषी शिल्पी और शरदचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने आसाराम पर 1 लाख एवं शिल्पी और शरद पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर बनी विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने अपना अहम फैसला सुनाया. अदालत का फैसला सुनने के बाद आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा. इसके बाद उसे जेल की बैरक नंबर दो में भेज दिया गया.