IND vs SL: DRS विवाद में परेरा के साथ श्रीलंका क्रिकेट; मांजरेकर बोले, गलत नहीं हुआ
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IND vs SL: DRS विवाद में परेरा के साथ श्रीलंका क्रिकेट; मांजरेकर बोले, गलत नहीं हुआ

आईसीसी के नियम के मुताबिक अगर अंपायर को लगता है कि रिव्यू के लिये मैदान से बाहर से मदद मिली है तो वे उसे खारिज कर सकते हैं.

श्रीलंका के बल्लेबाज दिलरुवान परेरा. (फाइल फोटो)

कोलकाता: श्रीलंका के बल्लेबाज दिलरुवान परेरा रविवार (19 नवंबर) को तब विवादों के घेरे में आ गये जब लगा कि उन्होंने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के दौरान डीआरएस रिव्यू लेने से पहले ड्रेसिंग रूम से मदद ली, लेकिन श्रीलंका क्रिकेट ने इस मान्यता को पूरी तरह से नकार दिया. पारी के 57वें ओवर में मोहम्मद शमी की अंतिम गेंद पर मैदानी अंपायर नाइजल लांग ने परेरा को पगबाधा आउट दिया था. परेरा ने पहले अपने साथी रंगना हेराथ की तरफ देखा और फिर वह पवेलियन की तरफ मुड़ गये, लेकिन उन्होंने ड्रेसिंग रूम की तरफ देखकर अचानक ही रेफरल लेने का फैसला लिया. एसएलसी ने हालांकि स्पष्ट किया कि इसके लिये उन्होंने ड्रेसिंग रूम की मदद नहीं ली थी. श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने हालांकि परेरा का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्होंने डीआरएस समीक्षा के लिये ड्रेसिंग रूम की मदद नहीं ली थी और उन्होंने देर से फैसला रेफरल की उपलब्धता को लेकर असमंजस की स्थिति के कारण लिया.

एसएलसी ने बयान में कहा, ‘‘जैसा कि माना जा रहा है उसके विपरीत रेफरल के लिये ड्रेसिंग रूम से किसी तरह का संदेश नहीं गया था.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘दिलरुवान परेरा को लगा कि श्रीलंका के रेफरल खत्म हो गये हैं और इसलिए उन्होंने क्रीज छोड़ दी, लेकिन तभी उन्होंने सुना कि रंगना हेराथ मैदानी अंपायर नाइजल लांग से पूछ रहे हैं क्या श्रीलंका का कोई रिव्यू बचा हुआ है जिसका लांग ने हां में जवाब दिया. इसके बाद दिलरुवान ने रिव्यू के लिये आग्रह किया.’’ बयान में कहा गया है, ‘‘हम यह बताना चाहते हैं कि श्रीलंका का प्रत्येक खिलाड़ी और अधिकारी न सिर्फ आईसीसी के नियमों को पूरी तरह से सम्मान करता है बल्कि पूरी खेल भावना से क्रिकेट खेलता है.’’

परेरा से पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ भी इस तरह के विवाद में फंस गये थे. उन्होंने भारत खिलाफ मार्च में बेंगलुरु टेस्ट मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम से रिव्यू के लिये मदद का इशारा किया था. हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि उन्हें ड्रेसिंग रूम से कोई मदद मिली थी या नहीं. भारतीय टीम ने परेरा के मामले में खास प्रतिक्रिया नहीं की, लेकिन पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम से मदद लेने में कुछ भी गलत नहीं है और सही फैसलों की खातिर नियमों में बदलाव किये जाने चाहिए.

भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि अभी तक इस पर अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा है इसलिए वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे. भुवनेश्वर ने मैच के बाद कहा, ‘‘हमने इस पर खास ध्यान नहीं दिया क्योंकि हम विकेट का जश्न मनाने में व्यस्त थे. इसके बाद हमने इसे रीप्ले में देखा लेकिन किसी ने टिप्पणी नहीं की क्योंकि अधिकारियों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया था. अगर हम कहते हैं कि उन्होंने गलती की और मैच रेफरी की सोच भिन्न हो तो फिर यह हमारी तरफ से गलती होगी. जब तक स्थिति स्पष्ट न हो कोई भी विरोधाभासी टिप्पणी गलत होगी. ’’ मांजरेकर ने कहा कि नियम स्पष्ट तथा बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों टीमों के लिये समान रूप से होने चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि नियमों पर गौर किये जाने की जरूरत है और अगर जरूरी हो तो इनमें बदलाव किया जाना चाहिए. अगर आप बल्लेबाजी कर रहे हैं और 15 सेकेंड के अंदर अगर बल्लेबाज ड्रेसिंग रूम से कुछ मदद लेना चाहिए तो इस पर बवाल नहीं होना चाहिए. क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम में 11 खिलाड़ी रिव्यू से पहले आपस में सलाह मशविरा कर सकते है. दोनों टीमों के लिये नियम समान होने चाहिए.’’ इस घटना के समय दूसरे छोर पर खड़े हेराथ ने अपने साथी का बचाव किया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अंपायर नाइजल लांग से रिव्यू के लिये कह रहा था और शायद दिलरूवान ने इसे सुन लिया और इसके बाद उसने रिव्यू के लिये कहा.’’ क्या परेरा को ड्रेसिंग रूम से मदद मिली, इस सवाल पर हेराथ ने कहा, ‘‘मैंने कुछ नहीं देखा. जैसे मैंने कहा मैं तब लांग की तरफ देख रहा था.’’ न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज साइमन डूल ने हालांकि परेरा की आलोचना की.

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी चिंता नहीं है कि उसे ड्रेसिंग रूम से मदद मिली या नहीं. उसके पवेलियन का रूख करते हुए रिव्यू नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इसका उसके पास अधिकार नहीं है. उसने क्रीज छोड़ते ही यह मौका गंवा दिया. इसके बाद अगर अब रिव्यू लेते हो तो संदेह के घेरे में आ जाते हो.’’ नियमों के मुताबिक रिव्यू के लिये क्षेत्ररक्षण टीम के कप्तान मैदान में खिलाड़ियों से और बल्लेबाज दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज से मदद परामर्श ले सकते हैं. आईसीसी के नियम के मुताबिक अगर अंपायर को लगता है कि रिव्यू के लिये मैदान से बाहर से मदद मिली है तो वे उसे खारिज कर सकते हैं.

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