मजबूत नहीं है विराट कोहली की ये 'वॉल', इंग्लैंड में ढह सकता है टीम इंडिया का किला
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मजबूत नहीं है विराट कोहली की ये 'वॉल', इंग्लैंड में ढह सकता है टीम इंडिया का किला

टेस्ट में 50.34 के औसत वाले चेतेश्वर पुजारा को इंग्लैंड में अपनी उपयोगिकता साबित करनी होगी.

चेतेश्वर पुजारा का ओवरसीज रिकॉर्ड है डराने वाला (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर है. टी-20 और वन-डे सीरीज के बाद अब टेस्ट सीरीज शुरू होने वाली है. एक अगस्त से शुरू होने वाली इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों के सामने यह साबित करना सबसे कठिन होगा कि वे केवल एशिया महाद्वीप के ही विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं. टीम इंडिया के वर्तमान टेस्ट स्पेशलिस्ट चेतेश्वर पुजारा विदेशों में अच्छी बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं, फिर भी वे इस टैग को हटा नहीं पाए हैं. राहुल द्रविड़ के नक्शेकदम पर चलने का प्रयास करने वाला पुजारा के पास मजबूत तकनीक, एकाग्रता और तेज पिचों पर खेलने का एटीट्यूट है. इसीलिए उन्हें टीम इंडिया में भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में देखा जाता है. 

  1. 1 अगस्त से शुरू होगी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज
  2. भारत-इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज
  3. 11 सितंबर को खत्म होगी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज

राहुल द्रविड़ से उनकी तुलना का कारण भी यही रहा है, लेकिन दोनों में एक ही फर्क है. राहुल द्रविड़ का एशियाई पिचों से बाहर का रिकॉर्ड चेतेश्वर पुजारा से कहीं बेहतर है. टेस्ट में 50.34 के औसत वाले पुजारा को इंग्लैंड में अपनी उपयोगिकता साबित करनी होगी. 30 वर्षीय पुजारा 50 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके हैं. वह दूसरी बार इंग्लैंड दौरे पर गए हैं. उनके पास खुद को साबित करने का सबसे बेहतर मौका है. एक नजर डालते गैर एशियाई पिचों पर पुजारा की बल्लेबाजी पर:  

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ : चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया में केवल 3 मैच खेले हैं. इनमें पुजारा ने 33.50 की औसत से 201 रन बनाए हैं. ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर विराट कोहली सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं. उन्होंने 9 मैचों में 62 की औसत से 992 रन बनाए हैं. इनमें पांच शतक भी शामिल हैं. लेकिन चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर कुछ खास नहीं कर पाए हैं. हां, अजिंक्य रहाणे ने जरूर 4 मैचों में 57 की औसत से 399 रन बनाए हैं, इनमें एक शतक भी शामिल है. 

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ :  2018 के दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर चेतेश्वर पुजारा ने तीनों टेस्ट मैच खेले और कुल 100 रन ही बना पाए. वहीं, विराट ने इस साल के दक्षिण अफ्रीका दौरे में टेस्ट, वनडे और टी-20 को मिलाकर कुल 14 पारियों में कुल 871 रन बनाए. विराट ने 3 टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा 286 रन बनाए थे. उससे पहले की बात करें तो विराट कोहली ने 2 मैचों में 68.00 की औसत से 272 रन बनाए थे.  इससे पहले चेतेश्वर पुजारा ने दक्षिण अफ्रीका में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया था. 2018 के दौरे से पहले चेतेश्वर पुजारा ने दक्षिण अफ्रीका की तेज पिचों पर 6 मैच खेले थे, जिनमें उन्होंने 32 के औसत से 360 रन बनाए.

इंग्लैंड के खिलाफ : इंग्लैंड के पिछले दौरे में चेतेश्वर पुजारा भी टीम में थे. इसलिए उन्हें इंग्लैंड की परिस्थितियों में खेलने का अनुभव है. पिछले दौरे पर पुजारा ने पूरी सीरीज खेली. 5 टेस्ट मैचों में पुजारा 22.20 की औसत से केवल 222 रन बना पाए. वह कोई भी शतक बनाने में सफल हुए. यहां गेंद ने बल्ले के बीच में आने के बाद अक्सर उसके किनारे को ही छुआ. इस दौरे पर मुरली विजय ने अवश्य 5 मैचों में 402 रन बनाए थे. उनका औसत 40.20 का था. वह एक शतक बनाने में भी सफल रहे थे. लेकिन पुजारा का प्रदर्शन ऐसा नहीं था जिसे औसत से ऊपर कहा जा सके.

न्यूजीलैंड और वेस्ट इंडीज के खिलाफ : ये दोनों टीमें ही टेस्ट मैचों में औसत या कमजोर टीमें मानी जाती हैं. लेकिन पुजारा इन दोनों टीमों के खिलाफ भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. वेस्ट इंडीज के खिलाफ उन्होंने 3 टेस्ट में 62 और न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में वह केवल 60 रन बना पाए हैं.

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ऐसे में चेतेश्वर पुजारा के रिकॉर्ड्स को जानने के बाद राहुल द्रविड़ से उनकी तुलना करना थोड़ा बेमानी लगता है. द्रविड़ जब इंग्लैंड के दूसरे दौरे पर गए थे तो उनकी उम्र 29 साल थी. 'द वॉल' के नाम से जाने जाने वाले राहुल द्रविड़ ने इस दौरे पर 602 रन बनाए थे. इनमें तीन शतक थे. द्रविड़ ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी. अगर पुजारा को द्रविड़ के नक्शेकदम पर चलना है और सब कॉन्टिनेंट स्पेशलिस्ट का टैग हटाना है तो यह मौका होगा कि वह इंग्लैंड के खिलाफ इस बार अच्छा प्रदर्शन करें. उनका बेहतर प्रदर्शन ही टीम इंडिया के लिए जीत की उम्मीद और आशा बंधा सकता है.

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