एक दिन पहले हांगकांग की टीम ने जिस तरह का साहस वर्ल्ड की नंबर टू टीम के सामने दिखाया था, वैसी किसी ने कल्पना नहीं की थी. सोचा तो ये भी नहीं था कि पाकिस्तान के बल्लेबाज टीम इंडिया के सामने ऐसे हथियार छोड़ देंगे.
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नई दिल्ली : एशिया कप के जिस मैच को महामुकाबला माना जा रहा था, इस मैच में सांसें रोक देने वाले रोमांच की उम्मीद की जा रही थी, उस मैच खेल की उम्मीदें परवान चढ़ने से पहले ही हार गईं. ऐसा लगा जैसे टीम इंडिया अपनी चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ न खेलकर नामीबिया या किसी और टीम से खेल रही हो, क्योंकि अब आप हांगकांग जैसी टीम का नाम भी नहीं ले सकते. एक दिन पहले हांगकांग की टीम ने जिस तरह का साहस वर्ल्ड की नंबर टू टीम के सामने दिखाया था, वैसी किसी ने कल्पना नहीं की थी. सोचा तो ये भी नहीं था कि पाकिस्तान के बल्लेबाज टीम इंडिया के सामने ऐसे हथियार छोड़ देंगे.
पाकिस्तान की पूरी टीम 162 रनों पर आउट हो गई. 5 साल में भारत के सामने उसका ये सबसे छोटा स्कोर है. एक दिन पहले टीम इंडिया के सामने हांगकांग की टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया था. हांगकांग के सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट लिए 174 रनों की साझेदारी की थी. लेकिन पाकिस्तान की टीम 162 रनों पर ढेर हो गई. अगर हम हांगकांग के साथ ही पाकिस्तान की टीम की तुलना करें तो हांगकांग की टीम ने भारत के सामने 34 ओवर में 174 रन बना लिए थे. यहां ये ध्यान रखना होगा कि हांगकांग के बल्लेबाज स्कोर का पीछा करते हुए रन बना रहे थे. उन्होंने 34 ओवर तक कोई विकेट भी नहीं खोया था. वहीं पाकिस्तान की टीम ने 34 ओवर में 130 रन बनाए और उनके 7 विकेट गिर गए.
भारी बोझ से लदे नजर आए पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज
पाकिस्तान की ओर से पारी की शुरुआत इमाम उल हक और फकर जमां ने की. फकर जमां की बात करें तो इन्हें पाकिस्तान का विराट कोहली माना जाता है. लेकिन इस मैच में लगा जैसे उनके बल्ले, पैर और हाथों के बीच कोई भी तारतम्य नहीं है. 9 बॉल खेलने के बाद भी वह खाता नहीं खोल सके और भुवनेश्वर की गेंद पर एक ऐसा शॉट खेल बैठे, जिस पर उनका कैच आउट होना तय था. उनसे पहले इमाम उल हक भी अपना विकेट फेंक कर चले गए. जब पाकिस्तान को अच्छी शुरुआत की जरूरत थी, उस समय दोनों सलामी बल्लेबाज मैदान से कूच कर गए. वहीं हांगकांग के दोनों सलामी बल्लेबाजों ने भारत की गेंदबाजी से जमकर किला लड़ाया था, अपनी आखिरी अंतरराष्ट्रीय वनडे खेल रहे हांगकांग के खिलाड़ियों ने पहले विकेट के लिए 174 रन जोड़ दिए थे.
बाबर आजम और शोएब मलिक ने संभाला, लेकिन फील्डरों के अहसान दिखाने के बाद
मैच में जब भारत का दबदबा कायम हो चुका था, उस समय बाबर आजम और शोएब मलिक ने संभाला. हालांकि ये भी तय है कि अगर टीम इंडिया के फील्डरों ने दो मैच नहीं छोड़े होते, तो शोएब मलिक की पारी का अंत बहुत पहले हो जाता. लेकिन ये दोनों भी अपनी पारियों को अंजाम तक पहुंचाने में नाकाम रहे.
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऐसा दबाव...
लंबे समय बाद टीम इंडिया के सामने खेलने उतरी पाकिस्तान की टीम के बल्लेबाज पूरी तरह अपनी लय से भटके हुए नजर आए. ऐसा लग रहा था कि किसी भी पाकिस्तानी बल्लेबाज की रुचि क्रीज पर खड़े होने में नहीं है.