शहीद की बेटी जोहरा ने कहा- शुक्रिया सर, गंभीर का जवाब पढ़कर आप भी करेंगे सैल्यूट
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शहीद की बेटी जोहरा ने कहा- शुक्रिया सर, गंभीर का जवाब पढ़कर आप भी करेंगे सैल्यूट

गौतम गंभीर सुकमा में हुए माओवादी हमले में शहीद जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रहे हैं. उन्होंने आईपीएल मैचों के दौरान मिले ईनाम और अवार्ड सब सीआरपीएफ जवानों को समर्पित कर दिए थे. 

शहीद की बेटी जोहरा ने गौतम गंभीर को कहा शुक्रिया (PIC : ANI)

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर ने मंगलवार को कहा कि वह आजीवन जम्मू एवं कश्मीर के शहीद पुलिसकर्मी अब्दुल राशिद की बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे. राशिद की 28 अगस्त को अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी. इसके बाद उनकी सात साल की बेटी जोहरा की फोटो सामने आई थी. अपने पिता की अंतिम यात्रा के दौरान बिलखती जोहरा की तस्वीर लोगों को भावुक कर रही है. इस तस्वीर पर लोग दुख और संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. अब इस बच्ची के आंसुओं को देखकर क्रिकेटर गौतम गंभीर का दिल भी तड़प उठा है और वे इस बच्ची की मदद के लिए आगे आए. गौतम गंभीर के अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के ऐलान के बाद शहीद अब्दुल राशिद की बेटी जोहरा ने भारतीय क्रिकेटर को शुक्रिया कहा है.

'जोहरा, तुम्हें लोरियां तो नहीं सुना सकता लेकिन तुम्हारे सपने पूरे करने में मदद करूंगा'

नन्ही जोहरा ने अपने परिवार की तरफ से इस मदद के लिए गंभीर को धन्यवाद देते हुए कहा, “धन्यवाद गंभीर सर, मैं और मेरा परिवार आपकी इस मदद से काफी खुश हैं. मैं पढ़ना चाहती हूं और बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं.” 

गंभीर ने जोहरा के शुक्रिया का जवाब एक और भावुक ट्वीट से दिया. गंभीर ने ट्वीट कर लिखा, “जोहरा बेटा, मुझे शुक्रिया मत कहो. तुम मेरे लिए मेरी बेटियों अजीन और अनायज़ा जैसी ही हो. मैने सुना कि तुम डॉक्टर बनना चाहती हो. तुम बस अपने पर फैलाकर अपने सपनों का पीछा करो, हम तुम्हारे साथ हैं.”

बता दें कि गंभीर ने आज ही टि्वटर पर दो पोस्ट्स के जरिए ये कहा था कि वह जोहरा की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे. उन्होंने अपने ट्वीट में वादा किया कि वह जोहरा को उसके सपनों को जीने का पूरा मौका देंगे. जोहरा के पिता शहीद अब्दुल राशिद को सलाम भी किया. गंभीर ने सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर पर लिखा, "जोहरा अपने आंसुओं को यूं जाया न करो क्योंकि मुझे शक है कि धरती मां भी इनका बोझ नहीं उठा पाएगी. आपके शहीद पिता को सलाम."

उन्होंने ट्वीट किया, "जोहरा, मैं आपको लोरी गाकर तो नहीं सुला सकता, लेकिन आपके सपने पूरा करने में मदद करूंगा और ता उम्र आपकी शिक्षा का खर्च उठाऊंगा."

गोली लगने के बाद राशिद को अनंतनाग के अस्पताल ले जाया गया था और वहां से आर्मी अस्पताल भेजा गया था, लेकिन चोटों के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका. बता दें कि गौतम गंभीर सुकमा में हुए माओवादी हमले में शहीद जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रहे हैं. उन्होंने आईपीएल मैचों के दौरान मिले ईनाम और अवार्ड सब सीआरपीएफ जवानों को समर्पित कर दिए थे. 

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