मैरी कॉम ने खास वीडियो शेयर कर बताया, कैसा महसूस होता है जब राष्ट्रगान बजता है और तिरंगा ऊपर जाता है.
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नई दिल्ली : पांच बार की विश्व चैम्पियन भारतीय मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम ने एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में 48 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. मैरी कॉम ने अपनी उत्तर कोरियन प्रतिद्वंदी किम हयांग मी को 5-0 से हराकर एशियाई गोल्ड वापस देश में लाने का सपना पूरा कर लिया है. एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भारत को इस टूर्नामेंट में एक स्वर्ण, एक रजत और पांच कांस्य पदक मिले. बता दें कि मैरी कॉम मणिपुर की मुक्केबाज, जो तीन बच्चों की मां ही हैं, ने करीब एक साल बाद मुक्केबाजी रिंग में वापसी की है. यह 2014 एशियाई खेलों के बाद मैरी कॉम का पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक है और एक साल में उनका पहला पदक है.
स्वर्ण पदक जीतकर लौटी भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम बताया कि इस खेल में लगभग दो दशक बिताने के बावजूद फिट होने पर वह अजेय महसूस करती हैं.
मैरी कॉम ने रचा इतिहास, देश के लिए जीता एशियाई चैम्पियनशिप में गोल्ड
बता दें कि मैरी कॉम ने अपनी जीत के बाद मेडल सेरेमनी का एक वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था. मैरी कॉम ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा था- बहुत गर्व महसूस होता है, जब तिरंगा ऊपर जाता है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि सेरेमनी के दौरान राष्ट्रगान की धुन बज रही है और तिरंगा सबसे ऊपर जा रहा है.
यह पर सिर्फ मैरी कॉम ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का पल है.
भारत लौटी मैरी कॉम ने कहा, ‘‘जब तक मैं कड़ी मेहनत जारी रखती हूं और मेरा शरीर फिट रहता है तो मैं किसी को भी हरा सकती हूं. अगर मैं अपना फिटनेस स्तर बरकरार रखती हूं तो कोई मुझे छू भी नहीं सकता.’’
पांच बार की विश्व विजेता मैरी कॉम ने कहा, "ओलम्पिक में पदक जीतना तो आसान है, लेकिन ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल है क्योंकि हमें विश्व चैम्पियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में खेलना होता है जहां हर टीम अच्छी होती है और हर मैच जीतना होता है और बड़े-बड़े खिलाड़ियों को टक्कर देनी पड़ती है, जो काफी मुश्किल होता है."
मैरी कॉम ने कहा कि उनका ध्यान अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों पर है. उन्होंने कहा, "मैं खुश हूं कि 48 किलोग्राम भारवर्ग श्रेणी राष्ट्रमंडल खेलों में है. मेरी कोशिश पहले इन खेलों में पदक जीतने की है उसके बाद किसी और टूर्नामेंट के बारे में सोचूंगी."
मैरी कॉम इससे पहले 51 किलोग्राम भारवर्ग में मुकाबला कर रही थीं, लेकिन एशियाई चैम्पियनशिप में उन्होंने 48 किलोग्राम भारवर्ग में वापसी की. मैरी कॉम का कहना है कि अगर टोक्यो ओलम्पिक-2020 में 48 किलोग्राम श्रेणी होती है तो वह पदक जीतने को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन अगर नहीं तो उन्हें 51 किलोग्राम भारवर्ग में खेलना है.
मैरी कॉम ने कहा, "अगर 48 किलोग्राम श्रेणी होती है तो मैं आत्मविश्वास के साथ कह सकती हूं, लेकिन अगर नहीं तो मुझे अपनी श्रेणी में बदलाव करना होगा."
(एजेंसी इनपुट के साथ)