धोनी के लिए आसान नहीं होगा विश्व कप तक टीम इंडिया में अपनी जगह बनाए रखना
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धोनी के लिए आसान नहीं होगा विश्व कप तक टीम इंडिया में अपनी जगह बनाए रखना

राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने धोनी को सीमित ओवरों के दो में से एक फॉर्मेट से बाहर करके यह संकेत दे दिए हैं कि उन्हें अच्छा प्रदर्शन करना होगा.

महेंद्र सिंह धोनी वेस्टइंडीज के खिलाफ पुणे में खेले गए तीसरे वनडे मैच में सिर्फ 7 रन बना सके. (फोटो: PTI)

नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी का टी20 टीम से बाहर किया जाना और उनकी खराब फॉर्म बरकरार रहने से उनके प्रशंसकों की चिंता बढ़ गई है. भले ही धोनी को कप्तान विराट कोहली का पूरा समर्थन हासिल हो, लेकिन यह माना जा रहा है कि अगले साल इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप तक टीम में जगह बनाए रखना उनके लिए आसान नहीं होगा. 

राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने महेंद्र सिंह धोनी को सीमित ओवरों के दो में से एक फॉर्मेट से बाहर करके यह संकेत दे दिए हैं. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह तय है कि ऑस्ट्रेलिया में 2020 में होने वाला टी20 विश्व कप धोनी नहीं खेलेंगे. इसलिए उन्हें टीम में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं था.’ उन्होंने कहा, ‘चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन ने इस पर काफी बात की है. विराट कोहली और रोहित शर्मा भी चयन समिति की बैठक में मौजूद थे.’ 

तो क्या धोनी को किसी प्लान के तहत बाहर किया गया है? इस सवाल के जवाब में इस अधिकारी ने कहा, ‘क्या आपको लगता है कि उनकी रजामंदी के बिना चयनकर्ता यह फैसला ले सकते थे.’ धोनी ने 2018 में सात टी20 मैच खेले और उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 28 गेंद में नाबाद 52 रन की रही. बाकी छह पारियों में उन्होंने 71 रन बनाए. 

इंग्लैंड में विश्व कप में धोनी विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद होंगे, लेकिन बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा सीरीज के बाकी तीन मैचों में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है. अगले दो महीने तक उन्हें मैच प्रैक्टिस भी नहीं मिल सकेगी क्योंकि भारत अगला वनडे मैच जनवरी में खेलेगा. 

चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद विकेटकीपर के रूप में दूसरे विकल्प पर बात कर चुके हैं. टीम प्रबंधन ने ऋषभ पंत पर भरोसा जताया है. अब सवाल यह है कि बाकी तीन मैचों में धोनी का बल्ला नहीं चल पाता है तो क्या होगा. वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के बाद धोनी को घरेलू वनडे मैच भी खेलने को नहीं मिलेंगे क्योंकि देवधर और विजय हजारे ट्राफी खत्म हो चुके हैं.

भारत के एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘यदि पंत अच्छा खेलता है और धोनी की खराब फॉर्म बरकरार रहती है तो क्या उन्हें विश्व कप टीम में रखा जाएगा? किस आधार पर?’ धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने या सीमित ओवरों में कप्तानी छोड़ने का फैसला भले ही अचानक लिया हो लेकिन उन्हें करीब से जानने वालों को पता है कि इसके पीछे कितना सोच विचार किया गया होगा. 

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि विश्व कप धोनी का आखिरी टूर्नामेंट होगा. लेकिन यह नहीं भुलाया जा सकता कि टेस्ट क्रिकेट से उन्होंने कैसे एक झटके में संन्यास ले लिया था. एक सीरीज के बीच में और प्रेस कांफ्रेंस के बाद जिसमें कोई संकेत नहीं दिया गया. बीसीसीआई की एक विज्ञप्ति से इसकी जानकारी मिली. महेंद्र सिंह धोनी का जहां तक सवाल है तो कुछ भी अप्रत्याशित वह कर सकते हैं. 

(इनपुट-भाषा) 

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