आम बजट के साथ आया रेल बजट कुल 7 प्वाइंट्स में खत्म हो गया. कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई.
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नई दिल्ली : आम बजट के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट भी पेश कर दिया. ये दूसरी बार है जब आम बजट के साथ साथ रेल बजट को भी पेश किया गया. पहले रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था. तब इसके लिए पूरा दिन अलग से होता था. रेलमंत्री बजट को पेश करते थे. लोग पूरे ध्यान से बजट सुनते और अपने तर्क देते थे. क्योंकि रेल हम सबके जीवन से जुड़ा एक अहम हिस्सा है. इससे जुड़े हर फैसले का हमारे जीवन पर असर होता है. उस समय बजट में नई पुरानी गाड़ियों की लंबी चौड़ी लिस्ट होती थी. नई नई घोषणाएं होती थी.
इस बार का रेल बजट सिर्फ एक पेज में सिमटा हुआ था. इसलिए कभी पूरे एक दिन चलने वाला बजट एक पन्ने में सिमट गया. रेलवे को लेकर न तो कोई बहुत बड़ी घोषणा हुई और न ही पुरानी घोषणाओं और ट्रेन को लेकर बात हुई. वित्त मंत्री ने कुल 7 प्वाइंट्स में इस रेल बजट को समाप्त कर दिया.
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कौन सी नई ट्रेनें होंगी और पुरानी ट्रेनें जो प्रस्तावित हैं, उनका क्या हुआ, इस पर कोई बात नहीं हुई. पिछले दो साल में हुए हादसों पर भी न तो कोई बड़ी घोषणा हुई और न ही इसको लेकर सरकार की पहल बजट में सुनाई दी. सबसे बड़ी घोषणाओं की बात करें तो सिर्फ रेलवे को पूरी तरह से ब्रॉडगेज करना मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को खत्म करने की घोषणा सामने आई.
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इसके अलावा वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुलेट ट्रेन परियोजनाओं के लिए आवश्यक जनशक्ति को प्रशिक्षण देने के लिए बड़ोदरा में एक संस्थान स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा सभी स्टेशन और ट्रेनों में वाईफाई और सीसीटीवी की व्यवस्था होगी. रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा. पूरी भारतीय रेल को ब्रॉडगेज किया जाएगा। रेलवे को जारी किए गए फंड का बड़ा हिस्सा पटरियों और गेज को बदलने के लिए खर्च किया जाएगा.