सचिन तेंदुलकर का मानना है कि स्टीव स्मिथ और उप कप्तान डेविड वार्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगाकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सही फैसला किया है.
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नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में तीसरे टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ का दोषी पाए जाने पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ और उप कप्तान डेविड वार्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगाकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सही फैसला किया है. स्मिथ और वार्नर के आईपीएल में खेलने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है जबकि युवा सलामी बल्लेबाज कैमरन बेनक्राफ्ट को नौ महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है.
तेंदुलकर ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘क्रिकेट को भद्रजनों के खेल के रूप में जाना जाता है. यह ऐसा खेल है जिसके बारे में मेरा मानना है कि इसे पाक साफ तरीके से खेलना जाना चाहिए. जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन खेल की अखंडता को बनाए रखने के लिए सही फैसला किया गया. जीतना महत्वपूर्ण है लेकिन यह अधिक महत्वपूर्ण है कि आप किस तरह जीतते हो.’’
Cricket has been known as a gentleman's game. It's a game that I believe should be played in the purest form. Whatever has happened is unfortunate but the right decision has been taken to uphold the integrity of the game. Winning is important but the way you win is more important
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) March 28, 2018
इससे पहले आईसीसी ने स्मिथ को एक मैच के लिए प्रतिबंधित किया था और उन पर पूरी मैच फीस का जुर्माना लगाया था. ऑस्ट्रेलियाई टीम के मुख्य कोच डैरेन लेहमन सजा नहीं दी गई थी.
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गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर भी एक बार बॉल टेम्परिंग विवाद में फंस चुके हैं और उन्हें सजा भी हुई थी. नवंबर 2001 में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर पोर्ट एलिजाबेथ टेस्ट के दौरान सचिन पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लगा था और हालांकि उनपर लगा एक टेस्ट का बैन बाद में हटा लिया गया था.
ऐसे की गई थी बॉल टेम्परिंग
दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच केपटाउन में तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन जब अफ्रीकी पारी का 43वां ओवर चल रहा था और मार्करम और एबी डिविलियर्स खेल रहे थे, उसी समय ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बेनक्रॉफ्ट एक चिप जैसी चीज के साथ कैमरे पर पकड़े गए. कहा गया कि ये गेंद की चमक उड़ाने वाली चिप है. इसे उन्होंने गेंद पर घिसा. हालांकि, मैदानी अंपायरों ने इस बारे में उनसे बातचीत की.
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अंपायरों के पास जाने से पहले बैनक्राफ्ट को अपने अंत:वस्त्र में छोटी सी पीली चीज रखते हुए देखा गया था. जब अंपायर उनसे बात करने के लिए पहुंचे तो उन्होंने पैंट की जेब में हाथ डालकर दिखाया और यह कोई दूसरी चीज थी. वह धूप के चश्मे को साफ करने के लिए मुलायम कपड़े जैसा लग रहा था.
स्टीव स्मिथ ने स्वीकार की गलती
इसके बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और बेनक्राफ्ट ने इस पूरे मामले में अपनी गलती मान ली. तीसरे दिन का जब खेल खत्म हुआ तो उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने इस बात को स्वीकार कर लिया. वहीं, बैनक्राफ्ट ने भी स्वीकार किया कि वह टेप से गेंद की शक्ल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे. ऑस्ट्रेलिया सरकार ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड को स्टीव स्मिथ को कप्तानी से हटाने का आदेश दिया. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मेल्कोन टर्नबुल ने इस पूरी घटना को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा ये भरोसा करना मुश्किल है, कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ये कृत्य किया.
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इसके बाद लगातार हो रही आलोचनाओं के बाद स्टीव स्मिथ ने टीम की कप्तानी और डेविड वार्नर ने तीसरे टेस्ट के लिए उपकप्तानी छोड़ दी. तब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ जेम्स सदरलैंड ने कहा, “हमने स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर से इस पूरे मामले पर बातचीत की. दोनों इस टेस्ट के लिए अपने अपने पद छोड़ने को तैयार हो गए.''
आईसीसी ने ये दी थी सजा
इस मामले में सजा का ऐलान करते हुए स्टीव स्मिथ पर एक मैच का प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा उनकी 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया गया. बॉल टैंपरिंग करने वाले बेनक्रॉफ्ट को आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट के तहत लेवल 2 का दोषी माना गया. इसके लिए उनके खाते में 3 डिमेरिट प्वाइंट जोड़ दिए गए. ये प्वाइंट एक साल तक मान्य रहते हैं. इसके अलावा बेनक्राफ्ट पर 75 फीसदी मैच फीस का जुर्माना भी लगाया गया.
(इनपुट भाषा)